दिल्ली के लालकिले पर हुए बम विस्फोट की जांच में सुरक्षा एजेंसियों ने मेवात क्षेत्र में अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। फरीदाबाद स्थित अल-फलाह मेडिकल कॉलेज से मिली शुरुआती जानकारी के बाद लगातार कई लोगों को पूछताछ के लिए उठाया जा रहा है। इसी क्रम में फरीदाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नूंह जिले के घासेड़ा गांव के एक मौलाना और एक उर्दू शिक्षक को हिरासत में लिया है।
मंगलवार देर शाम दोनों व्यक्तियों—मौलाना तैय्यब हुसैन और उर्दू शिक्षक फरहान—को सोहना के रायपुर गांव स्थित शाही जामा मस्जिद से पूछताछ के लिए ले जाया गया।
मस्जिद में आता था मुख्य आरोपी डॉ. उमर
जांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार, क्राइम ब्रांच को इनपुट मिला था कि विस्फोट मामले का मुख्य आरोपी डॉ. उमर नियमित रूप से इसी मस्जिद में नमाज अदा करता था। इसी आधार पर पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या उमर का मौलाना या शिक्षक से कोई संपर्क था, वह मस्जिद में कब-कब आता था, और वहां उसकी किसी से कोई विशेष बातचीत या मुलाकात हुई थी या नहीं।
हिदायत कॉलोनी में किराए पर रह रहा था आरोपित
जांच में यह भी सामने आया है कि डॉ. उमर नूंह की हिदायत कॉलोनी में किराए पर रह रहा था और मस्जिद में अक्सर देखा जाता था। साथ ही पुलिस यह भी पड़ताल कर रही है कि अमोनियम नाइट्रेट खरीदने वह सोहना मंडी की खाद-बीज दुकान पर अकेला गया था या उसके साथ कोई और भी व्यक्ति मौजूद था।
जांच टीमें यह समझने की कोशिश कर रही हैं कि क्या उमर को नूंह या सोहना क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर किसी ने मदद प्रदान की थी।
परिवार का दावा—मौलाना निर्दोष
उधर, मौलाना तैय्यब हुसैन के परिवार ने बताया कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। मौलाना के परिजनों ने कहा कि मस्जिद हाईवे पर स्थित होने से देशभर के लोग यहां नमाज पढ़ने आते हैं, ऐसे में किसी को पहचानना या विशेष संपर्क का दावा करना उचित नहीं है।
परिजनों ने कहा कि यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसे सज़ा मिले, लेकिन बेगुनाह लोगों को परेशान न किया जाए।
जांच जारी, पुलिस ने बनाए कई एंगल
फरीदाबाद क्राइम ब्रांच फिलहाल कई संभावित कड़ियों की जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि पूछताछ के बाद ही पूरे घटनाक्रम की वास्तविक परिस्थिति स्पष्ट हो पाएगी, इसलिए किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना फिलहाल जल्दबाज़ी होगी।