संजय सिंह का सवाल: पाठशाला चाहिए या मधुशाला? सरकारी स्कूलों की बंदी पर उठाए सवाल

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 27 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों को बंद करने की योजना बनाई जा रही है, जिसे ‘विलय’ या ‘पेयरिंग’ जैसे शब्दों से छिपाया जा रहा है। जबकि सच्चाई यही है कि स्कूल बंद किए जा रहे हैं।

मधुशाला या पाठशाला, अब जनता को तय करना होगा: संजय सिंह

संजय सिंह ने दावा किया कि साल 2024 में प्रदेश में 2,308 शराब की दुकानें (मदिरालय) खोली गईं, जबकि 2025 में हजारों स्कूल बंद करने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार की प्राथमिकता क्या है—मधुशाला या पाठशाला?

उन्होंने बताया कि पिछले चार वर्षों में करीब 42 लाख बच्चों ने सरकारी स्कूलों से दूरी बना ली, जबकि सिर्फ पिछले एक साल में 8 लाख छात्र स्कूल छोड़ चुके हैं। सीतापुर जिले में तो स्कूलों पर बुलडोजर तक चल चुका है। राज्य के 5,000 से अधिक विद्यालयों में केवल एक शिक्षक कार्यरत है।

आरटीई कानून का हो रहा उल्लंघन

संजय सिंह ने बताया कि सीतापुर बीएसए के 24 जून के आदेश के अनुसार 267 स्कूलों को पेयरिंग के लिए चिह्नित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून (RTE) का स्पष्ट उल्लंघन है, जो 6 से 14 वर्ष के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा की गारंटी देता है।

उन्होंने कहा कि पूर्व में 26 हजार स्कूल बंद किए जा चुके हैं, और अब फिर से हज़ारों स्कूलों को निशाने पर लिया गया है, जिससे लगभग 1.35 लाख शिक्षक, प्रधानाचार्य और शिक्षामित्र प्रभावित होंगे। उनका सवाल था कि अगर स्कूलों में बच्चों की संख्या कम है, तो उन्हें जोड़ने के प्रयास क्यों नहीं किए जा रहे?

मिड डे मील की गुणवत्ता पर भी सवाल

आप सांसद ने मिड डे मील की गुणवत्ता को लेकर भी सरकार को घेरा। उन्होंने आरोप लगाया कि बच्चों को पौष्टिक आहार देने के बजाय कई जगह नमक-रोटी जैसे हालात बने हुए हैं।

स्कूल बंदी के खिलाफ आंदोलन की घोषणा

संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी जिला मुख्यालयों, ब्लॉकों और राजधानी में विरोध प्रदर्शन करेगी और हर स्तर पर स्कूलों को बंद होने से रोकने के लिए संघर्ष करेगी। उन्होंने कहा, “अब देवालय की नहीं, विद्यालय की लड़ाई लड़ी जाएगी।”

शिक्षा के निजीकरण और बाजारीकरण पर निशाना

संजय सिंह ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा का बाजारीकरण और निजीकरण बढ़ने से सरकारी स्कूलों का ड्रॉपआउट रेट बढ़ा है। उन्होंने दिल्ली के उदाहरण देते हुए कहा कि वहां आज सरकारी स्कूलों में प्रवेश के लिए सिफारिशें लगती हैं। वहीं, उन्होंने बताया कि 29 जून को दिल्ली में झुग्गियों के ध्वस्तीकरण के खिलाफ भी प्रदर्शन किया जाएगा।

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