पूर्वी दिल्ली में पुलिस ने एक विशेष अभियान के तहत छह बांग्लादेशी महिलाओं को गिरफ्तार किया है, जो बिना वैध दस्तावेज़ों के राजधानी में रह रही थीं। गुप्त सूचना के आधार पर मंडावली थाना पुलिस ने पहले एक महिला को पकड़ा और उससे पूछताछ के बाद पहाड़गंज से पांच अन्य महिलाओं को भी हिरासत में ले लिया गया।
गिरफ्तार महिलाओं के नाम हैं: मीम अख्तर (23), मीना बेगम (35), शेख मुन्नी (36), पायल शेख (25), सोनिया अख्तर (36) और तानिया खान (34)। पुलिस ने विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) की मदद से उनके निर्वासन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
अवैध घुसपैठ और बसाने वाला नेटवर्क उजागर
दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो बांग्लादेशी नागरिकों को गैरकानूनी रूप से भारत में घुसाकर उन्हें बसाने का काम करता था। इस ऑपरेशन में गैंग के मुखिया चांद मियां समेत 6 बांग्लादेशी और 5 भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। भारतीय आरोपियों पर फर्जी पहचान पत्र बनवाने, आवास उपलब्ध कराने और रोजगार दिलाने में सहायता करने का आरोप है।
यह गिरोह पश्चिम बंगाल और मेघालय जैसे सीमावर्ती राज्यों के रास्ते विदेशी नागरिकों को भारत लाता था और फिर उन्हें दिल्ली सहित अन्य राज्यों में भेजकर फर्जी कागज़ातों पर आधार कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेज़ बनवा देता था। इसके बाद ये लोग छोटे-मोटे कामों में लग जाते थे और सरकारी योजनाओं के लाभ भी उठाते थे।
कब और कैसे हुआ खुलासा
दक्षिण-पूर्व जिले के डीसीपी रवि कुमार ने बताया कि 12 मार्च 2025 को तैमूर नगर इलाके में एक संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक के होने की जानकारी मिली थी। पुलिस ने असलम उर्फ मासूम (25) नामक युवक को गिरफ्तार किया, जिसके पास से एक भारतीय आधार कार्ड और बांग्लादेशी पहचान पत्र बरामद हुआ। पूछताछ में सामने आया कि आरोपी भारत में सब्सिडी भी ले रहा था।
असलम की निशानदेही पर गिरोह के सरगना चांद मियां तक पुलिस पहुंची और फिर एक-एक कर अन्य आरोपियों को भी दबोच लिया गया। इसके बाद चेन्नई से दो अलग-अलग मामलों में 33 और बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया।
पकड़े गए आरोपियों के नाम:
- असलम उर्फ मासूम
- मोहम्मद अली हुसैन
- मोहम्मद मीजान
- फातिमा अफरोज
- रादिश मुल्ला
- मोहम्मद अनीस (हरिनगर आश्रम, दिल्ली)
- राजन कुमार यादव (तैमूर नगर, दिल्ली)
- रहीसुद्दीन अली (जसोला गांव)
- शब्बीर (फरीदाबाद)
- लुकमान अली (असम)
बरामद सामग्री:
- 11 फर्जी आधार कार्ड
- बांग्लादेशी नागरिकता से संबंधित दस्तावेज
- एक कंप्यूटर, चार हार्डडिस्क, कलर प्रिंटर
- बायोमेट्रिक स्कैनर (आंख व फिंगरप्रिंट)
- फर्जी जन्म और जाति प्रमाण पत्र
- 9 मोबाइल फोन, ₹19,000 नकद और अन्य उपकरण