पैरोल पर फरार था बेटियों को ज़हर देने वाला दोषी, दिल्ली पुलिस ने गाजियाबाद से किया गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दो नाबालिग बेटियों की हत्या के दोषी हमीदुल्लाह बुंदू खान (70) को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है। अदालत द्वारा 20 साल के कठोर कारावास की सजा पाने के बाद वह पैरोल पर छूटने के बाद फरार हो गया था और वर्षों से पुलिस को चकमा दे रहा था।

पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) आदित्य गौतम के अनुसार, हमीदुल्लाह दिल्ली के पुराने मुस्तफाबाद इलाके का रहने वाला है और पांच बेटियों का पिता है। पत्नी की मृत्यु के बाद वह तीन नाबालिग बेटियों के साथ अकेले रह रहा था, जबकि दो बेटियों की शादी हो चुकी थी।

30 जुलाई 1999 को गोकुलपुरी थाने में उसकी बड़ी बेटी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके पिता ने उसे और उसकी दो बहनों को ज़हर देने की कोशिश की। पीड़िता ने बताया कि 29 जुलाई की रात करीब 10:30 बजे पिता ने उसे और उसकी बहनों को तीन कैप्सूल दिए, जो बाहर से नीले और भीतर से सफेद रंग के थे। उन्होंने कहा कि वह एक कैप्सूल खुद ले और बाकी दोनों बहनों को दे। शक होने पर उसने कैप्सूल को निगलने का अभिनय किया और जीभ के नीचे छिपा लिया, जबकि पिता ने बाकी दो कैप्सूल छोटी बेटियों को जबरन खिला दिए।

कुछ देर में दोनों बच्चियों की हालत बिगड़ने लगी। मुंह से झाग निकलने लगे और सांस लेने में तकलीफ होने लगी। बड़ी बहन ने मदद के लिए पड़ोसियों को बुलाया, लेकिन तब तक आरोपी फरार हो चुका था। अस्पताल पहुंचने पर दोनों बच्चियों को मृत घोषित कर दिया गया।

पुलिस ने हमीदुल्लाह को अगले दिन 31 जुलाई 1999 को गिरफ्तार कर लिया था। अदालत ने उसे दोषी करार देते हुए 20 साल की सजा सुनाई थी, लेकिन पैरोल पर छूटने के बाद वह गायब हो गया।

काफी समय से फरार चल रहे हमीदुल्लाह की तलाश में इंस्पेक्टर सतेंद्र पूनिया और इंस्पेक्टर सोहन लाल बिजारनिया की टीम लगातार प्रयास कर रही थी। जांच के बाद उसे गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल आरोपी वहीं रह रहा था और पहचान छिपाकर जीवन बिता रहा था।

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