दिल्ली के वसंत कुंज इलाके के पास स्थित जय हिंद कैंप में बिजली आपूर्ति रोके जाने के विरोध में सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेताओं ने धरना प्रदर्शन किया। बंगाली भाषी बहुल इस बस्ती की बिजली हाल ही में कोर्ट के आदेश के बाद काट दी गई थी।
आठ जुलाई को अदालत के निर्देश पर दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ की मौजूदगी में अधिकारियों ने इलाके की बिजली आपूर्ति बंद कर दी थी। यह अनौपचारिक बस्ती वसंत कुंज और मसूदपुर के बीच स्थित है, जहां लगभग 5,000 निवासी रहते हैं, जिनमें से अधिकतर मूल रूप से पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले से संबंधित हैं।
टीएमसी की ओर से राज्यसभा सदस्य सागरिका घोष, सुखेंदु शेखर रॉय, डोला सेन और साकेत गोखले ने स्थानीय लोगों के साथ सोमवार दोपहर 3 बजे से 24 घंटे का धरना शुरू किया। सागरिका घोष ने बंगाली में स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए भरोसा दिलाया कि पार्टी उनके साथ है। उन्होंने कहा, “यहां बिजली और पानी की गंभीर समस्या है, इसलिए हम आपके समर्थन में खड़े हैं।”
सागरिका घोष ने आरोप लगाया कि बस्ती के निवासियों को ‘बांग्लादेशी’ बताकर भेदभाव का शिकार बनाया जा रहा है, जबकि पुलिस जांच में किसी तरह की गड़बड़ी या संदिग्ध पहचान सामने नहीं आई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इलाके में न तो कोई बांग्लादेशी है और न ही कोई रोहिंग्या। इसके बावजूद उन्हें परेशान किया जा रहा है।
टीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को भी इस इलाके का दौरा किया था और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से प्रभावित परिवारों को मदद का आश्वासन दिया था।