हरियाणा। डंकी रूट के जरिए अमेरिका पहुंचकर या वहां अधूरे दस्तावेजों के आधार पर रहने वाले भारतीय मूल के लोगों के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सख्त अभियान जारी है। हाल ही में अमेरिका से 50 हरियाणा के युवाओं को हथकड़ियों में जकड़कर दिल्ली एयरपोर्ट लाया गया। दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने पर स्थानीय पुलिस ने उनका सत्यापन किया और फिर उन्हें उनके परिवारों के हवाले कर दिया।

जानकारी के अनुसार, इस बार डिपोर्ट होने वाले 50 लोगों में सबसे ज्यादा करनाल के 16 और कैथल के 14 लोग शामिल हैं। इसके अलावा कुरुक्षेत्र से पांच, जींद से तीन और अन्य जिलों के लोग भी शामिल हैं। जींद से लौटे युवाओं में भैरव खेड़ा के अजय, पड़ोसी गांव के लभजोत सिंह और नवीन शामिल हैं। इनमें से नवीन और लभजोत डंकी रूट के जरिए अमेरिका गए थे, जबकि अजय कनाडा से वैध दस्तावेजों के आधार पर अमेरिका पहुंचा था।

इससे पहले जनवरी से जुलाई 2025 के बीच हरियाणा के 604 युवाओं को भी अमेरिका से डिपोर्ट किया जा चुका है। अब तक प्रदेश से कुल 654 लोग इस तरह वापस लौट चुके हैं।

इस मामले पर राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव व राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि यह अमेरिका से लौटे युवाओं की बेबसी और प्रदेश के नौजवानों की कठिनाइयों को उजागर करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकार युवाओं के भविष्य की अनदेखी कर रहे हैं और चुनावी रैलियों में इसे रोजगार के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार, अमेरिका से तीन नवंबर को दूसरी फ्लाइट के जरिए और भी हरियाणा के युवा लौट सकते हैं। अमेरिकी पुलिस उनके दस्तावेजों का सत्यापन कर रही है।

नरेश कुमार, कैथल के तारागढ़ गांव के निवासी, के खिलाफ अब तक दो मामले दर्ज हैं। पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है। उनके खिलाफ शराब तस्करी और चेक बाउंस का मामला दर्ज है।

इस अभियान के बाद हरियाणा के स्थानीय प्रशासन ने भी कहा है कि सभी लौटे युवाओं का सत्यापन किया गया और उन्हें सुरक्षित रूप से उनके परिवारों को सौंपा गया।