पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश पर बुधवार को झज्जर को-आपरेटिव बैंक की चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता रजिस्ट्रार सविता राठी की। बैठक में सभी 9 निदेशक शामिल हुए, जिसमें 6 वोट चेयरपर्सन के खिलाफ और तीन वोट पक्ष में पडे़। इस पर अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। इस पर चेयरपर्सन नीलम अहलावत को अविश्वास प्रस्ताव से पद से हटा दिया गया। वहीं चेयरपर्सन का कहना है कि एक बार अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद एक साल के बाद ही लाया जा सकता है। वह अपनी बात हाईकोर्ट में रखेंगे उसके बाद हाईकोर्ट का जो फैसला होगा, वह मान्य होगा।

यहां बता दे कि को-आपरेटिव बैंक झज्जर में डायरेक्टर्स में से नीलम अहलावत को 24 दिसंबर 2021 को चेयरपर्सन चुना गया था। इसके बाद कुछ समय से चुने हुए डायरेक्टर्स में से कुछ नीलम अहलावत के खिलाफ चल रहे हैं। पिछले वर्ष 20 दिसंबर को भी डायरेक्टर्स चेयरपर्सन के कामों से नाखुश होकर उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे, लेकिन उस बैठक में 4 डायरेक्टर्स को सस्पेंड कर दिया गया था। इसके चलते बहुमत पूरा नहीं हो सका था।

को-आपरेटिव बैंक के डायरेक्टर जयवीर मोर व वाइस चेयरमैन राजवीर ने बताया कि चेयपर्सन के खिलाफ हाई कोर्ट में अविश्वास प्रस्ताव के लिए याचिका लगाई गई थी, जिस पर मुहर लगाते हुए 5 फरवरी की तारीख हाईकोर्ट की ओर से अविश्वास प्रस्ताव के लिए निर्धारित की गई। बैंक में रजिस्ट्रार सविता राठी की अध्यक्षता में अविश्वास प्रस्ताव पास हुआ और नीलम अहलावत को चेयरपर्सन के पदमुक्त कर दिया गया।

दूसरी बार लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में चेयरपर्सन नीलम अहलावत के पक्ष में 9 में से मात्र 3 वोट ही डले, वहीं उनके खिलाफ 6 निदेशकों ने वोटिंग की। अब चेयरपर्सन के तारीख तय होगी और चुनाव के माध्यम से नया चेयरपर्सन के लिए वोटिंग की जाएगी। वहीं, चेयरपर्सन पद से हटाई गई नीलम अहलावत ने कहा कि यह बैठक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश पर हुई है। हाईकोर्ट में केस अभी चल रहा है। वह भी अपना पक्ष कोर्ट में रखेंगे। जब पिछली बैठक में अविश्वास प्रस्ताव गिर गया था तो एक साल से पहले प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता।