कुख्यात गैंगस्टर रहे सुरेंद्र ग्योंग के छोटे भाई और हत्या, लूटपाट समेत कई संगीन मामलों के मोस्ट वाटेंट जोगेंद्र ग्योंग को सीआईए टू कैथल जेल से प्रोडक्शन वारंट पर पानीपत लेकर आई है। सीआईए टू के जवान पांच गाड़ियों के काफिले के साथ जोगेंद्र को जिला नागरिक अस्पताल में लेकर पहुंचे। कड़ी सुरक्षा की बीच अस्पताल में जोगेंद्र ग्योंग का मेडिकल परीक्षण कराया गया। इस दौरान अस्पताल के इमरेंजसी वार्ड में 10 मिनट तक अन्य लोगों की एंट्री बंद कर दी गई। सीआईए टू ने आरोपी जोगेंद्र ग्योंग को तीन दिन के रिमांड पर लिया है। रिमांड के दौरान उससे 30 सितंबर 2017 को सेक्टर 18 में इंस्पेक्टर की सेवानिवृत्ति पार्टी में की जयदेव की हत्या के बारे में पूछताछ की जाएगी।
फरवरी के पहले सप्ताह में एसटीएफ जोगेंद्र को फिलीपींस से भारत में डिपोर्ट कर लाई थी। उसे दिल्ली एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। जोगेंद्र ग्योंग पर पानीपत पुलिस ने एक लाख का इनाम घोषित कर रखा था। जोंगेंद्र ग्योंग ने अपने साथियों के साथ मिलकर 30 दिसंबर 2017 को दिनदहाड़े शहर के सेक्टर 18 में करनाल के गांव राहड़ा निवासी जयदेव शर्मा को गोलियों से भून दिया था। जोगेंद्र को शक था कि उसके गैंगस्टर भाई सुरेंद्र ग्योंग की मुखबिरी जयदेव ने ही की थी। वह सुरेंद्र ग्योंग के एनकाउंटर में शामिल था।
बता दें कि कुख्यात सुरेंद्र ग्योंग का पुलिस ने अप्रैल 2017 में एनकाउंटर कर दिया था। दहशत के पर्याय रहे सुरेंद्र ग्योंग से जान का खतरा बताकर कांग्रेसी नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी हाई कोर्ट से सुरक्षा मांगी थी। मधुबन में इंस्पेक्टर रहे जिले सिंह की 30 दिसंबर 2017 को सेक्टर 18 में सेवानिवृत्ति पार्टी थी। जिले सिंह ने अपने साढ़ू काबड़ी के ओमप्रकाश और उनके दामाद जयदेव शर्मा (28) निवासी राहड़ा गांव को भी पार्टी में बुलाया था। जयदेव शर्मा अपनी पत्नी सुशीला, चार वर्षीय बेटे कुनाल और ससुर ओमप्रकाश के साथ पार्टी में शामिल होने पहुंचा था। दोपहर बाद करीब तीन बजे जिले सिंह के मकान से करीब 150 मीटर दूर हमलावरों ने जयदेव को गोलियों से भून दिया था। वह अकेला बाहर क्यों और किसके कहने पर आया, यह पता नहीं चल सका था। हमलावरों ने जयदेव के माथे, चेहरे, गर्दन, सीने और पेट में 13 गोलियां मारी थी। उसके पास लाइसेंसी पिस्टल भी थी, लेकिन वह अपनी सुरक्षा के लिए पिस्तौल नहीं निकाल पाया था। पुलिस ने इस मामले में जोगेंद्र, करनाल के पार्षद भाग सिंह, उसके भाई सुशील, तीन-चार अन्य पर केस दर्ज किया था।
ग्योंग के एनकाउंटर के बाद मिला था रिवॉल्वर का लाइसेंस
जयदेव शर्मा का नाम सुरेंद्र ग्योंग के एनकाउंटर के बाद चर्चा में आया था। दरअसल, सुरेंद्र का भाई जोगेंद्र ग्योंग यह मानता था कि सुरेंद्र के एनकाउंटर की वजह जयदेव ही था। राहड़ा गांव में सुरेंद्र का जयदेव के घर आना-जाना था। जोगेंद्र सुरेंद्र की मौत के बाद पैरोल पर आया था। वह भाई की हत्या का बदला लेना चाहता था। असंध पुलिस के अनुसार, मोबाइल टावर की व्यवस्था संभालने वाले ठेकेदार जयदेव ने सुरक्षा लेने से इंकार कर दिया था। फिर भी उसकी कोठी के बाहर पीसीआर तैनात रहती थी। जयदेव के कहने पर पुलिस ने उसे रिवॉल्वर का लाइसेंस दे दिया था। वारदात के समय भी जयदेव के पास रिवॉल्वर था।