हिमाचल: छह बार की नेशनल खिलाड़ी मोमोज, चाउमिन बेचकर चला रही परिवार

छह बार बास्केटबाल में नेशनल खेलने वाली नाहन की इंद्रा रोजी-रोटी के लिए संघर्ष कर रही हैं। जिस खेल को खेलकर भविष्य बनाने की सोची, उससे कुछ हासिल नहीं हुआ। परिवार पालने के लिए मोमोज और चाउमिन बेच रही हैं। सरकार खिलाड़ियों को नौकरी देने के दावे तो करती है पर इंद्रा को कुछ नहीं मिला। 11 साल की उम्र में नाहन की इंद्रा ने पहला नेशनल खेला।

इंद्रा ने अंडर-14 वर्ग में महाराष्ट्र में बॉस्केटबाल में पहला नेशनल खेला। इसके बाद राजस्थान, नागपुर और तमिलनाडु में अंडर-17 वर्ग में हिमाचल की ओर से खेलीं। भोपाल, केरल, छत्तीसगढ़ में सीनियर नेशनल में भी दमखम दिखाया। इसके लिए दस बार राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। उम्मीद थी कि नेशनल खेलने पर सरकारी नौकरी मिल जाएगी, लेकिन नेशनल खेलने का कोई फायदा नहीं हुआ। इसी बीच इंद्रा की शादी हो गई।

मौजूदा समय में इंद्रा की दो बेटियां और एक बेटा है। नौकरी का जुगाड़ नहीं हुआ तो इंद्रा ने पति के साथ मिलकर फास्ट फूड की दुकान खोल ली है। इंद्रा ने कहा कि महंगाई के इस दौर में घर चलाने में काफी परेशानी आ रही है। बचपन से बास्केटबाल खेलने का शौक था। छह बार नेशनल खेलीं। सरकारी नौकरी नहीं मिल सकी। अब फास्ट फूड की दुकान से परिवार चलाने की कोशिश कर रही हूं। अगर छोटी-मोटी नौकरी मिल जाती तो परिवार को पालने में आसानी हो जाती है। सरकार को खिलाड़ियों के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here