पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मंडी रैली से मात्र 20 किलोमीटर दूर पंडोह के कुकलाह में आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और मुख्यमंत्री व उनके मंत्रियों से जनता की वास्तविक समस्याओं का समाधान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आपदा के पांच महीने बाद भी कुकलाह का वैली ब्रिज निर्माणाधीन है, जिसके कारण मध्य सराज की 15 पंचायतों के लोग आज भी अपने दुर्गम गांवों तक पीठ पर सामान लादकर ही पहुंच रहे हैं।
ठाकुर ने बताया कि 29 जून की रात बाखली खड्ड में आई बाढ़ में कुकलाह का बगलामुखी मंदिर और कलहनी-कशौड सड़क मार्ग का पुल बह गया था, जिससे आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि एक सप्ताह के भीतर संपर्क मार्ग बहाल किया जाए और नदी पार करने के लिए अस्थायी पुलिया बनाई जाए, ताकि लोग अपने वाहन प्रयोग कर सकें।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून आपदा ने इस क्षेत्र को काफी प्रभावित किया है। कुकलाह गांव से जुड़ी सड़क और पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, लेकिन सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। ग्रामीण अब भी वैकल्पिक मार्ग और अस्थायी पुलों पर निर्भर हैं और कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।
ठाकुर ने आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री और लोक निर्माण मंत्री केवल बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत का कोई अंदाजा नहीं रखते। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सरकार मंडी में केवल तीन साल का जश्न मनाने आई है, जबकि इलाके के लोग बरसात के जख्मों से अभी उबर नहीं पाए हैं।
जयराम ठाकुर ने यह भी कहा कि सिर्फ सराज ही नहीं, बल्कि बंजार, कुल्लू, लारजी, सैंज और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों की खस्ता हालत और टूटे पुलों के कारण सैकड़ों लोग अभी भी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि रैली या “जनसंकल्प सम्मेलन” में जनता को अपनी वे सारी गारंटियां याद दिलाएं जिनके भरोसे वे सत्ता में आए थे और अब उन्हें पूरा न कर पाने पर चुप नहीं रहना चाहिए।