जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की जांच अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। गृह मंत्रालय ने इस मामले की सुनवाई के लिए एक विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति की है। माना जा रहा है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) जल्द ही इस हमले में अपनी चार्जशीट दाखिल करेगी।

बताया गया है कि यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) द्वारा रचा गया था। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के समीप बैसरन घाटी में हुए इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे।

गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि अधिवक्ता श्री सिंह को एनआईए केस नंबर आरसी-02/2025/एनआईए/जेएमयू से जुड़े मुकदमे में विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति तीन वर्ष की अवधि के लिए या मुकदमे के पूरा होने तक, जो भी पहले हो, प्रभावी रहेगी।

जम्मू की अदालत ने एनआईए को इस हमले की जांच पूरी करने के लिए 45 दिनों का अतिरिक्त समय दिया था, जिसकी अवधि अब समाप्त होने वाली है। उम्मीद है कि एजेंसी आने वाले दिनों में चार्जशीट अदालत में पेश करेगी।

गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में यह पुष्टि की थी कि इस हमले में शामिल आतंकवादी पाकिस्तान से थे और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए थे। जांच के दौरान एनआईए ने एक हजार से अधिक लोगों से पूछताछ की है, जिनमें पर्यटक, टट्टू मालिक, फोटोग्राफर, दुकानदार और स्थानीय कर्मचारी शामिल हैं।

इस हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को "ऑपरेशन सिंदूर" चलाया था, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित आतंकी ठिकानों और सैन्य ढांचों पर लक्षित कार्रवाई की गई थी।