जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सेना लगातार अभियान चला रही है. दहशत गर्दों की हर हरकत का सेना के जवान मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं. इस बीच रविवार (16 फरवरी) को एक बार फिर से पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर हल्की गोलीबारी हुई. बताया जा रहा है कि बॉर्डर पर भारतीय चौकियों को निशाना बनाकर फायरिंग की गई. हालांकि भारतीय सेना की तरफ से गोलीबारी का माकूल जवाब दिया गया.

सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक गुलपुर सेक्टर में रविवार सुबह करीब साढ़े 11 बजे एलओसी के पार जंगली इलाके से भारतीय सेना की चौकी पर गोलीबारी की गई. जिसके बाद सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई की और गोलीबारी थोड़ी देर में रुक गई. अधिकारियों ने बताया कि इस गोलीबारी में भारतीय पक्ष को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है.

सेना ने संवेदनशील सीमा क्षेत्र में कड़ी की चौकसी

अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि गोलीबारी के पीछे पाकिस्तानी सेना का हाथ है या फिर जंगल में छिपे आतंकवादियों ने इसे अंजाम दिया था, जो मौके की तलाश में भारत में घुसने का इंतजार कर रहे हैं. गोलीबारी के बाद भारतीय सेना ने संवेदनशील सीमा क्षेत्र में चौकसी कड़ी कर दी. जानकारी के मुताबिक यह गोलीबारी नक्करकोट स्थित पाकिस्तानी फॉरवर्ड डिफेंसिव लोकेशन (एफडीएल) से शुरू हुई, जिसका संचालन रावलकोट स्थित 2 पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) ब्रिगेड के अंतर्गत 24 एके बटालियन करती है.

आईईडी विस्फोट दो सैन्यकर्मी हुए शहीद

अधिकारियों ने बताया कि पिछले सप्ताह सीमा पार से कुछ घटनाएं हुईं, जिसमें एक आईईडी विस्फोट भी शामिल है. इस विस्फोट में एक कैप्टन सहित दो सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे वहीं एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया था. यह घटना उस समय हुई जब सेना के जवान सीमा पर गश्त लगा रहे थे. तभी भट्टल इलाके में विस्फोट हुआ. जांच में पता चला था कि विस्फोट एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) के कारण हुआ था. माना जा है कि आईईडी आतंकवादियों ने लगाया था. घटना के बाद सेना ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी थी.

कुछ दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में शीर्ष स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक हुई थी. जिसके बाद नियंत्रण रेखा के पास सेना और भीतरी इलाकों में सुरक्षा बलों ने गश्त और तेज कर दी. चप्पे-चप्पे पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. बैठक में शाह ने निर्देश दिया था कि सुरक्षा बलों को जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के प्रति जीरो घुसपैठ और जीरो टॉलरेंस सुनिश्चित करनी चाहिए.