18 वर्ष बाद जम्मू में दिनदहाड़े गैंगवार, 2006 में ऐसे ही बकरा हत्याकांड को अंजाम दिया था

ज्यूल चौक पर हुई गैंगवार पुलिस के लिए खतरे की घंटी है। कड़ी सुरक्षा के बीच दिनदहाड़े अति व्यस्त चौक और नबाबाद थाने के ठीक सामने ऐसी वारदात पुलिस तंत्र पर सवालिया निशान खड़ा करती है। ठीक ऐसी ही वारदात वर्ष 2006 में हुई थी। तब संजय गुप्ता उर्फ बकरा की दिनदहाड़े त्रिकुटा नगर में एक क्लीनिक में गोली मारकर हत्या कर दी गई।

संजय बकरा गैंग का मुखिया था। इस हत्या को बिल्लू गैंग के राजेश डोगरा उर्फ मोहन चीर अंजाम दिया था।18 वर्ष बाद फिर ऐसी ही वारदात जम्मू में होने से गैंगवार सक्रिय होने लगा है। हालांकि, जम्मू सांबा कठुआ रेंज पुलिस के पास 3 गैंग के 30 गैंगस्टरों की सूची है। बावजूद इसके बीते एक वर्ष में गैंगवार की ये पांचवीं वारदात है। इन पांच वारदातों में चार गैंगस्टर मारे गए। जबकि एक वारदात में गैंगस्टरों ने कारोबारी का अपहरण कर बंदी बना लिया और उससे लूटपाट कर ली।

कब-कब हुई गैंगवार
25 दिसंबर 2023: सांबा के रामगढ़ में गटरू गैंग के सदस्य अक्षय शर्मा की खौफ गैंग के सदस्यों ने हत्या कर दी।- तीन अप्रैल 2024: कठुआ में गैंगवार। पीछा कर रही पुलिस पर फायरिंग। हमले में सब इंस्पेक्टर दीपक बलिदान। जबावी कार्रवाई में गैंगस्टर वासुदेव उर्फ शुन्नू की मौत।

4 मार्च 2024: चंडीगढ़ के मोहाली में बिल्लू गैंग के सरगना राजेश डोगरा उर्फ मोहन चीर की शालू गैंग के सदस्यों ने एक माल के बाहर दिनदहाड़े हत्या कर दी।- 21 जनवरी 2025: ज्यूल चौक पर खौफ गैंग के सदस्यों द्वारा गटरू गैंग के सरगन की हत्या करने का शक।

27 अप्रैल 2024: मीरां साहिब में आप नेता एवं रेस्तरां मालिक ओम खजूरिया पर खौफ गैंग के गैंगस्टर अबू जट्ट ने गोली चलाई।- 8 दिसंबर 2022: दिनदहाड़े 10 बदमाश गांधी नगर निवासी कारोबारी राकेश अग्रवाल के घर पुलिस की वर्दी पहनकर पहुंच गए।

पिस्तौल के दम पर अग्रवाल को घर में ही करीब डेढ़ घंटा बंधक बना लिया। बाद में 15 लाख रुपये लेकर फरार हो गए। इस मामले में पुलिस ने हरप्रीत सिंह उर्फ अमित रैना समेत पंजाब के 10 बदमाशों को गिरफ्तार किया। पता चला कि हरप्रीत सिंह पूर्व एमएलसी टीएस वजीर की हत्या में भी शामिल था। यहीं नही, हरप्रीत सिंह राकेश अग्रवाल को बंधी बनाकर अपने घर पर एक अन्य कारोबारी को बुलाना चाहता था।

यह हैं प्रमुख गैंग व इनके सरगना और सदस्य- खौफ गैंग
इसका सरगना विजयपुर निवासी विक्की सलाथिया उर्फ विक्की खौफ है। इसके सदस्यों में विजयपुर का साहिल उर्फ गीका, आरएस पुरा का सतराइयां निवासी अनिल सिंह, रजत सिंह उर्फ काली, बंटी सिंह, अंशू चिब, आरएस पुरा के चकरोई निवासी राकेश कुमार, मीरां साहिब का रोहित कुमार उर्फ मक्खन, खौड़ दयोनियां का अरुण चौधरी उर्फ अब्बू जट्ट, रामगढ़ का अतुल चौधरी और अरनिया का अर्जुन कुमार उर्फ बिल्ला शामिल हैं।

गटरू गैंग :
सरगना विजयपुरा का सुमित जंडयाल मारा गया। अब सदस्यों में विजयपुर का सौरव जंडयाल, गौरव जंडयाल, बलविंदर सिंह उर्फ बिल्ला, सुनील कुमार उर्फ कद्दू, राजेश पडगोत्रा, रामगढ़ का साहिल चौधरी उर्फ शालू, पंकज शर्मा उर्फ पंकू, सौरव सिंह, राजेश कुमार उर्फ माही और अरनिया का रमन शामिल हैं।

शालू गैंग :
सरगना विजयपुर का जतिंदर सिंह उर्फ शालू है। सदस्यों में आरएस पुरा का मनोज कुमार उर्फ मोजा, विजयपुर का अनिल सिंह उर्फ बिल्ला, आरएस पुरा के कोटली मियां फतेह का पंकज सिंह उर्फ पंकू और गांधी नगर जम्मू का दविंदर सिंह शामिल हैं।

वारदात स्थल को कैद करने वाला एक भी सीसीटीवी नहीं
दिनदहाड़े इस वारदात को पूरी तैयारी के साथ अंजाम दिया गया है। हमलावरों ने वारदात स्थल की पूरी रेकी कर रखी थी। तभी वारदात ऐसी जगह की गई, जिसको कैद करने वाला आसपास एक भी सीसीटीवी हीं दिखा। दरअसल, वारदात स्थल के एक तरफ आंबेडकर रोटरी है। एक तरफ बस स्टैंड का रास्ता जाता है। एक तरफ तालाब तिल्लो का रास्ता जाता है। जबकि वारदात स्थल पर सीधी नजर तालाब तिल्लो की तरफ बनी कुछ दुकानों से जाता है।

वारदात स्थल के ठीक सामने एक दवाइयों की दुकान पर एक सीसीटीवी तो लगा है, लेकिन इसकी हद दुकान के सामने वाला कुछ हिस्सा ही कवर करने तक है। एक सीसीटीवी इंटेलिजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम का आंबेडकर चौक पर जरूर लगा है लेकिन इसका मुंह भी वारदात स्थल के विपरीत नवाबाद पुलिस स्टेशन की तरफ है। इसलिए पुलिस को वारदात को स्थल को कैद करने वाला कोई सीसीटीवी नहीं मिला। 

आसपास के कैमरे खंगालेमौका ए वारदात पर कोई कैमरा नहीं मिलने पर पुलिस ने आसपास लगे कैमरों की फुटेज को खंगाला। क्योंकि आरोपी वारदात के बाद बस स्टैंड की तरफ भागे थे। इसलिए पुलिस ने बस स्टैंड की तरफ जाने वाले रास्तों पर लगे कुछ सीसीटीवी को खंगाला। लेकिन अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।

Jammu News: After 18 years, gang war in broad daylight in Jammu, similar goat massacre was carried out in 2006

पत्नी के आते ही चीखों से गूंज उठा अस्पताल
घटना के बाद करीब तीन बजे जैसे ही सुमित की पत्नी जीएमसी पहुंची तो अस्पताल चीख-पुकारों से गूंज उठा। सुमित की बेटी भी उसकी पत्नी के साथ ही थी। इस दौरान साथ में आई महिलाओं और परिवार के सदस्यों ने जैसे-तैसे उसे संभाला।घरवालों के साथ उसकी पत्नी अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचीं।

यहां पहुंचते ही उसने जोर-जोर से चीखना शुरू कर दिया। इससे आसपास के लोग भी आशंकित हो गए। परिवार के बाकी सदस्यों ने उसे जैसे-तैसे संभाला और मोर्चरी की तरफ ले रहे। यहां सुमित के परिवार के सदस्य और रिश्तेदार भी मौजूद थे। मोर्चरी के गेट पर पहुंचते ही उसने सुमित को देखने के लिए अंदर जाने की जिद शुरू कर दी।

पुलिसकर्मियों और घरवालों से जैसे-तैसे उसे संभाला। इसके बाद उसने मोर्चरी के बाहर की विलाप करना शुरू कर दिया। इस सब में उसके सिर में भी चोट लग गई। जिसके बाद परिवार वालों ने उसका उपचार करवाया। इसके बाद भी काफी समय तक मोर्चरी के बाहर ही बैठी रही। इस दौरान सुमित के पिता और बाकी रिश्तेदार भी रोते-बिलखते रहे।

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