‘मैंने हिंदुत्व की आलोचना की, क्योंकि यह एक बीमारी है’, पोस्ट पर विवाद के बाद बोलीं इल्तिजा मुफ्ती

पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि हिंदुत्व और हिंदू धर्म में बहुत अंतर है। हिंदुत्व एक नफरत की विचारधारा है, जिसे 1940 के दशक में भारत में फैलाया, जिसका उद्देश्य हिंदुओं का वर्चस्व स्थापित करना था और यह विचारधारा थी कि भारत हिंदुओं का है। इल्तिजा ने कहा कि इसके विपरीत हिंदू धर्म भी इस्लाम की तरह एक धर्म है, जो धर्मनिरपेक्षता, प्रेम और करुणा को बढ़ावा देता है। इसलिए हमें इसे जानबूझकर विकृत नहीं करना चाहिए। जय श्रीराम का नारा रामराज्य से नहीं जुड़ा है, बल्कि इसे लिंचिंग से जोड़ा जा रहा है। यह शर्मनाक है कि हिंदू धर्म को विकृत किया जा रहा है। मैंने हिंदुत्व की आलोचना की, क्योंकि यह एक बीमारी है। 

दरअसल, पीडीपी नेता ने नाबालिग लड़कों पर जय श्री राम का नारा लगाने के लिए मजबूर करने के तथाकथित वीडियो पर प्रतक्रिया व्यक्त करते हुए लिखा, ‘हिंदुत्व को एक बीमारी है, जिसने लाखों भारतीयों को पीड़ित किया और एक भगवान के नाम को कलंकित किया। भगवान को शर्म से अपना सिर झुकाना चाहिए और असहाय होकर देखना चाहिए कि नाबालिग मुस्लिम लड़कों को केवल इसलिए चप्पलों से पीटा जा रहा है क्योंकि उन्होंने उनका नाम लेने से इनकार कर दिया है।’

पोस्ट पर विवाद होने के बाद अपने रुख को स्प्ष्ट करते हुए इल्तिजा मुफ्ती ने हिंदुत्व और हिंदू धर्म के  बीच एक स्पष्ट अंतर बताया, इस बात पर जोर देते हुए कि हिंदुत्व इस्लाम के समान धर्मनिरपेक्षता, प्रेम और करुणा के मूल्यों को बढ़ावा देने वाला धर्म है।

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