श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान जारी है। सुबह 10:30 बजे तक 74 विधायकों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। भाजपा के सभी 28 विधायक मतदान कर चुके हैं, जबकि कांग्रेस के छह, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के 39, पीडीपी के तीन, सीपीआई(एम) के एक और सात निर्दलीय विधायकों ने भी वोट डाल दिए हैं।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने डाला पहला वोट
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सबसे पहले मतदान किया। वोटिंग शाम 4 बजे तक जारी रहेगी और मतगणना शाम 5 बजे से शुरू होगी। माना जा रहा है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस तीन सीटों पर आसानी से जीत दर्ज कर लेगी, लेकिन चौथी सीट का मुकाबला बेहद रोचक बना हुआ है। यहां एनसी और भाजपा दोनों के पास 28-28 वोट हैं। ऐसे में अगर किसी दल या निर्दलीय विधायक ने क्रॉस-वोटिंग की, तो नतीजा बदल सकता है।

विधानसभा का गणित एनसी के पक्ष में
राज्य विधानसभा में समीकरण एनसी के पक्ष में नज़र आ रहे हैं। पार्टी को 57 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जिनमें एनसी के 41, कांग्रेस के छह, पीडीपी के तीन, सीपीआई(एम) के एक और छह निर्दलीय विधायक शामिल हैं। वहीं, भाजपा के पास 28 विधायक हैं। आप के विधायक मेहराज मलिक, जो फिलहाल पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत जेल में हैं, ने कठुआ जिला जेल में मतदान किया।

दो सीटों पर एनसी की जीत तय
पहली दो सीटों पर एनसी उम्मीदवार चौधरी मुहम्मद रमजान और सज्जाद किचलू की जीत लगभग निश्चित मानी जा रही है, क्योंकि उन्हें भाजपा के 28 के मुकाबले 57 वोट मिलने की संभावना है। वहीं तीसरी और चौथी सीट पर एनसी के गुरविंदर सिंह ओबेरॉय, इमरान डार और भाजपा के सत शर्मा के बीच सीधी टक्कर है। इस संयुक्त चुनाव में सबसे अधिक वोट पाने वाले दो उम्मीदवारों को विजयी घोषित किया जाएगा।

क्रॉस-वोटिंग से तय होगा चौथी सीट का भविष्य
तीसरी और चौथी सीट के लिए रूलिंग अलायंस में वोटों का बंटवारा चर्चा का विषय बना हुआ है। माना जा रहा है कि एनसी 29 वोट ओबेरॉय को और 28 वोट इमरान डार को दे सकती है, जबकि भाजपा के सभी 28 विधायक सत शर्मा के समर्थन में मतदान करेंगे।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक रूलिंग अलायंस में क्रॉस-वोटिंग नहीं होती, तब तक भाजपा के लिए चौथी सीट जीतना लगभग असंभव है। अब सबकी नज़रें इस पर टिकी हैं कि वोटिंग ब्लॉक के भीतर कौन-सा विधायक किस उम्मीदवार का साथ देता है।