जम्मू-कश्मीर के पीड़ितों को मिलेगा मुआवजा, सीजफायर पर सीएम उमर का पहला बयान

भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार शाम को संघर्ष विराम पर सहमति बन गई। भारतीय सेना की कड़ी प्रतिक्रिया के चलते बैकफुट पर आए पाकिस्तान ने पहल की, जिसके बाद भारत ने संघर्ष विराम के लिए हामी भर दी। वहीं, जम्मू-कश्मीर में हालिया तनाव के दौरान हुए नुकसान को लेकर सरकार ने मुआवजे की घोषणा की है।

मुआवजे की घोषणा: मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने संघर्ष विराम के ऐलान के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर बहाल होने की खबर से राहत मिली है। उन्होंने कहा कि अगर यह कदम कुछ दिन पहले उठाया गया होता, तो शायद जान-माल का इतना नुकसान नहीं होता। उमर ने पाकिस्तान के डीजीएमओ द्वारा भारत के डीजीएमओ से बातचीत कर संघर्ष विराम की पहल को सकारात्मक कदम बताया।

नुकसान का आकलन और मुआवजा

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार की जिम्मेदारी है कि जहां-जहां नुकसान हुआ है, उसका आकलन कर पीड़ितों को मुआवजा पहुंचाया जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे नुकसान की रिपोर्ट जल्द से जल्द प्रस्तुत करें। साथ ही घायल नागरिकों का उचित इलाज कराने और मुआवजा दिलाने का आश्वासन भी दिया।

हवाई सेवा की बहाली पर उम्मीद

मुख्यमंत्री ने कहा कि संघर्ष विराम के बाद हवाई अड्डे के खुलने की उम्मीद है। कई दिनों से हवाई सेवा बंद होने के कारण हज यात्रा पर जाने वाले यात्री भी प्रभावित हुए हैं। जैसे ही हवाई अड्डा खुलेगा, उनकी यात्रा सुनिश्चित की जाएगी।

रक्षा मंत्रालय का बयान

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कॉमेडोर रघु नायर ने बताया कि संघर्ष विराम के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच हालात सामान्य हो रहे हैं। कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने भारतीय सेना पर झूठे आरोप लगाए हैं, जिनमें मस्जिदों को नुकसान पहुंचाने का दावा भी शामिल है। भारतीय सेना ने स्पष्ट किया कि सैन्य ठिकानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया है और पाकिस्तान झूठी खबरें फैला रहा है।

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