कटड़ा त्रासदी में जान गंवाने वाले सभी 34 लोगों की पहचान हो गई है। शुक्रवार को 19 शवों की और एक दिन पहले 15 शवों की शिनाख्त की गई थी। अपने परिजनों के शव देखकर परिवारजन फूट-फूटकर रो पड़े। सुबह से ही परिजन शव लेने के लिए जम्मू मेडिकल कॉलेज पहुंचने लगे थे। पूरे परिसर में चीख-पुकार और आंसुओं का मंजर था।
शव लेने के लिए उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, दिल्ली के बुराड़ी, गाजियाबाद और पंजाब के अमृतसर से रिश्तेदार पहुंचे। शवों को पहचानते समय परिजनों की करुण पुकार से पोस्टमार्टम हाउस गूंज उठा। हर किसी की आंखें नम थीं। माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने शवों को घर तक पहुंचाने के लिए नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराई है।
मुजफ्फरनगर के इंद्रपाल पर टूटा दुखों का पहाड़
रामपुरी गांव (मुजफ्फरनगर) के इंद्रपाल की पत्नी रामवीरी और बेटी आकांक्षा हादसे में जान गंवा बैठीं। दोनों के शव देखते ही इंद्रपाल बेसुध होकर रो पड़े। उन्होंने कहा कि अंदाजा नहीं था कि पत्नी और बेटी इस तरह साथ छोड़ जाएंगी। उनका कहना था कि खराब मौसम में यात्रा रोकी जानी चाहिए थी। इंद्रपाल के परिवार में भाई रविंद्र की पत्नी ममता और भतीजी अंजलि घायल हैं, जबकि भाई अजय का बेटा दीपेश भी हादसे का शिकार हो गया।
दिल्ली के बुराड़ी के परिवार ने खोए छह सदस्य
दिल्ली के बुराड़ी के एक ही परिवार के छह लोगों की मौत हुई है। अभिषेक नामक युवक ने बताया कि उसकी भतीजी दीपांशी, बहन पिंकी, भाई राजा और अजय की मौत हो गई। रिश्तेदार तान्या और पुकार (खेड़ा धर्मपुरा, गाजियाबाद) भी इस हादसे में मारे गए। शव देखते ही अभिषेक की मां रामकुमारी दहाड़ मारकर रो पड़ीं, जिन्हें परिजनों ने संभाला।
श्राइन बोर्ड ने परिजनों को सौंपा बरामद सामान
श्राइन बोर्ड अधिकारियों ने मृतकों के पास से मिले सामान भी परिजनों को सौंप दिए। डिप्टी सीईओ पवन कुमार ने बताया कि इसमें नगदी और आभूषण शामिल हैं। सभी शवों को उनके गृह जिलों तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस मुफ्त उपलब्ध कराई गई है।