जम्मू संभाग के सीमावर्ती जिलों जम्मू, सांबा और कठुआ के हजारों किसानों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। केंद्र सरकार ने उन किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिनकी भूमि बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) ने सीमा पर बाड़ लगाने के लिए अधिग्रहीत की थी।

बीएसएफ ने इन तीनों जिलों के 113 गांवों में लगभग 13,145 कनाल भूमि पर 135 फुट चौड़ी बाड़ का निर्माण किया था। हालांकि, बड़ी संख्या में किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिल पाया था। गृह मंत्रालय ने अब इसके लिए धनराशि जारी कर दी है, जो मंडलायुक्त जम्मू के माध्यम से संबंधित जिलों के उपायुक्तों को भेजी जाएगी ताकि पात्र किसानों को भुगतान किया जा सके।


विधानसभा सत्र में उठा था मामला

यह मुद्दा मार्च माह के विधानसभा सत्र में प्रमुखता से उठाया गया था। विजयपुर के विधायक ने प्रश्नकाल के दौरान मुआवजे का मुद्दा उठाया था, जिस पर भाजपा विधायक सुरजीत सलाथिया, देवेंद्र कुमार मन्याल और सीपीआईएम विधायक तारिगामी सहित कई सदस्यों ने चिंता व्यक्त की थी।
मुख्यमंत्री ने उस समय बताया था कि इस कार्य के लिए 155.08 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 144 करोड़ रुपये पहले ही प्रभावित किसानों को वितरित किए जा चुके हैं, जबकि शेष 11 करोड़ रुपये का वितरण अब किया जाएगा।


प्रभावित किसानों को दस्तावेज तैयार रखने के निर्देश

भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) से सटे लौंडी और बोबिया पंचायतों के किसानों को अब मुआवजे की उम्मीद जगी है। विजयपुर के विधायक विजय शर्मा ने कहा कि सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद प्रभावित परिवारों को भुगतान शुरू होगा। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे अपने सभी राजस्व दस्तावेज और प्रमाणपत्र समय पर जमा करें, ताकि प्रक्रिया में देरी न हो।


केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने दी जानकारी

केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए बताया कि यह सीमावर्ती इलाकों के लोगों के लिए एक सुखद निर्णय है। उनके अनुसार, गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद बीएसएफ ने बाड़ और सीमा निगरानी चौकी के निर्माण हेतु अधिग्रहीत भूमि के मुआवजे के लिए धनराशि जारी कर दी है।

संभागीय आयुक्त जम्मू रमेश कुमार ने भी पुष्टि की कि राशि प्राप्त हो चुकी है और आने वाले दिनों में इसे कठुआ, सांबा और जम्मू जिलों के वैध भूमि मालिकों को वितरित किया जाएगा।