जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को सख्त निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने केंद्र को चार हफ्ते का समय दिया है ताकि वह याचिकाओं पर अपना जवाब दाखिल कर सके। यह निर्देश मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने जारी किया।

यह याचिकाएं शिक्षाविद जहूर अहमद भट और सामाजिक कार्यकर्ता अहमद मलिक सहित कई लोगों द्वारा दाखिल की गई हैं। याचिकाओं में मांग की गई है कि केंद्र सरकार दिसंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट में दिए गए वादे के अनुसार जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल करे।

याचिकाकर्ताओं के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का हवाला दिया जिसमें अनुच्छेद 370 को रद्द करने को वैध ठहराया गया और केंद्र को निर्देश दिया गया था कि वह संपूर्ण संवेदनशीलता के साथ विधानसभा चुनाव सितंबर 2024 तक कराए और राज्य का दर्जा बहाल करे

केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन के साथ इस विषय पर बातचीत जारी है। उन्होंने कहा कि यह मामला विशेष स्थिति वाला है और इसमें कई संवेदनशील पहलू जुड़े हैं। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग केंद्र शासित प्रदेश के बारे में जानबूझकर नकारात्मक छवि पेश कर रहे हैं।