मां वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पिछले 15 दिनों से बंद है, जिससे श्रद्धालु यात्रा शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। प्रशासन की टीम मार्ग पर मलबा हटाने और सफाई का कार्य लगातार कर रही है। 26 अगस्त को भारी बारिश के कारण अर्धकुंवारी के पास भूस्खलन में 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और कई गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिसके बाद यात्रा को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया।
इस सप्ताह श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति मिलने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, मार्ग के कई हिस्सों में खतरा अभी भी बरकरार है, इसलिए कोई निश्चित तिथि घोषित नहीं की गई है। प्रशासन और एनडीआरएफ मलबा हटाने का काम पूरी सावधानी के साथ कर रहे हैं ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
मार्ग बंद रहने से न सिर्फ धार्मिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था भी चरमरा गई है। बाजार, होटल, धर्मशालाएं और मार्ग पर स्थित दुकानें खाली हैं। घोड़े, पिट्ठू और पालकी मजदूर बेरोजगारी और कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या कटड़ा में यात्रा खुलने का इंतजार कर रही है, जबकि कई लोग दर्शनी ड्योढ़ी पर जाकर लौटने को मजबूर हैं। कम संख्या में देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं को होटल एसोसिएशन की तरफ से मुफ्त सुविधाएं दी जा रही हैं।