झारखंड विधानसभा में शानदार परफॉर्मेंस के बाद अब झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी, पड़ोसी राज्य बिहार में भी अपने झंडे को बुलंद करने के लिए बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र के 12 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर रही है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के तरफ से यह कहा जा रहा है कि झारखंड और बिहार की सीमावर्ती सीमावर्ती इलाकों मैं उनकी पार्टी का मजबूत जनाधार है. इसलिए झामुमो बिहार के 12 विधानसभा सीटों पर गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने को लेकर दावा ठोक दिया है.

झारखंड में हाल में ही विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ है, जहां 56 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत के साथ हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन सरकार की दोबारा से सत्ता में वापसी हुई है जबकि साल 2025 में बिहार में विधानसभा का चुनाव होना है. इसे लेकर अभी से ही राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है. इस बार गठबंधन के तहत झारखंड मुक्ति मोर्चा भी बिहार देसी मारुति 12 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गया है.

झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा की झारखंड मुक्ति मोर्चा का प्रभाव बड़ा है. तानाशाही तत्वों के खिलाफ लड़ कर जिस प्रकार हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बड़ी जीत मिली है. स्वाभाविक तौर पर पार्टी की राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा हो रही है. हमारे चाहने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. बड़ी संख्या में लोग हमारी पार्टी से जुड़ रहे हैं चाहे पश्चिम बंगाल हो, उड़ीसा हो ,छत्तीसगढ़ हो या बिहार हो.

2025 में बिहार में होना है चुनाव

उन्होंने आगे कहा कि साल 2025 में बिहार में विधानसभा का चुनाव होना है, बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र के 12 सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेगी और जीतेगी भी. इसे लेकर प्रारंभिक दौर की बातें भी सभी पार्टियों के बीच और गठबंधन के नेताओं के बीच चल रही है. उन्होंने दावा किया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा बिहार में चुनाव लड़ने जा रही है यह पक्की है बात है.

Jharkhand Mukti Morcha JMM CM Hemant Soren Bihar Assembly elections 12 seats in target

पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बिहार विधानसभा के जिन सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा की दावेदारी है उसमें तारापुर, कटोरिया, मनिहारी, झाझा, बांका, ठाकुरगंज, रुपौली, रामपुर, बनमनखी, जमालपुर, पीरपैंती और चकाई विधानसभा की सीट शामिल है. झामुमो नेताओं का कहना है कि इन सीटों पर न सिर्फ उनके कार्यकर्ता हैं बल्कि उनके पास प्रत्याशी भी हैं. जल्द ही राजद और कांग्रेस गठबंधन के साथ झामुमो की बैठक होगी और इस मांग को रखा जाएगा.

2020 में भी लड़ा था चुनाव

बता दे कि वर्ष 2020 के चुनाव में झामुमो ने अकेले ही चुनाव लड़ा था, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी थी. इस बार झारखंड में राजद व कांग्रेस साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी. पार्टी को उम्मीद है कि जैसे झारखंड में सीट का बंटवारा किया गया था, वैसे ही बिहार में भी महागठबंधन सीट का बंटवारा करेगा.

वहीं दूसरी तरफ बिहार में झारखंड मुक्ति मोर्चा के 12 सीटों पर चुनाव लड़ने के दावे पर झारखंड कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव लड़ने का अधिकार हर राजनीतिक दल को है. बिहार में कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा कौन कहां से चुनाव लड़ेगा. तमाम बिंदुओं पर जब महागठबंधन के शीर्ष नेता बैठेंगे, तब फैसला हो जाएगा.

सीटों को लेकर फैसला बाद में

बिहार में कितने सीटों पर कांग्रेस लड़ेगी और कितने पर महागठबंधन में शामिल अन्य घटक दल लड़ेंगे. अभी वक्त है और इन तमाम चीजों पर फैसला समय के साथ हो जाएगा, लेकिन इतना टाइम है कि महागठबंधन पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगी और संविधान विरोधी ताकतों के खिलाफ चुनाव लड़ेगी और जीतेगी भी.

अब देखना होगा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा को बिहार में कितने सीट मिलती है. हालांकि उनके दावे 12 सीटों पर है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के बिहार में चुनाव लड़ने के दावों ने फिर एक बार राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ा दी है.