उद्धव बोले- आइए, फिर से साथ चलें… दरेकर ने भी दिया सकारात्मक इशारा

महाराष्ट्र की सियासत में करीब दो दशक बाद एक बार फिर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे और कभी उनके साथ रहे प्रवीण दरेकर की मुलाकात ने चर्चाओं को जन्म दे दिया है। दोनों की यह भेंट विधानसभा परिसर में मानसून सत्र के दौरान हुई, जो कि भले ही राजनीतिक चर्चा न हो, लेकिन राजनीतिक संकेत जरूर दे गई।

दरअसल, भाजपा के विधान परिषद सदस्य प्रवीण दरेकर ने इस दौरान खुद को दिवंगत बाल ठाकरे का सच्चा अनुयायी बताते हुए कहा कि वह अब भी असली शिवसैनिक हैं। इस पर उद्धव ठाकरे ने जवाब दिया कि अगर वे मराठी समाज के लिए ईमानदारी से कार्य करना चाहते हैं, तो उन्हें फिर से शिवसेना में लौट आना चाहिए। साथ ही, उन्होंने वर्तमान में भाजपा के साथ गठबंधन में शामिल शिवसेना (शिंदे गुट) पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “फर्जी शिवसैनिकों” से भी ईमानदारी की उम्मीद की जानी चाहिए।

यह भी उल्लेखनीय है कि दरेकर पहले उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना में थे। इसके बाद वे राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) में शामिल हुए और फिर साल 2015 में भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा। उन्होंने 2009 में मनसे के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन 2014 में हार का सामना करने के बाद भाजपा में शामिल हो गए। वर्तमान में वे भाजपा के सक्रिय नेता हैं।

मुलाकात के दौरान दरेकर ने उद्धव ठाकरे को स्व-पुनर्विकास परियोजना पर तैयार एक रिपोर्ट भी सौंपी। इस पर ठाकरे ने कहा कि यदि उनका प्रयास ईमानदार है, तो वे संवाद के लिए हमेशा तैयार हैं। मजाकिया लहजे में दरेकर ने भी संकेत दिया कि “फिर से साथ आने में कोई हर्ज नहीं है।”

इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हैं कि क्या प्रवीण दरेकर एक बार फिर शिवसेना में वापसी कर सकते हैं। उनके राजनीतिक सफर को देखते हुए ऐसा होना असंभव भी नहीं लगता।

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