एशिया कप 2025 के तहत रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच मैच से पहले महाराष्ट्र की राजनीति गर्म हो गई है। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इस मुकाबले का कड़ा विरोध करते हुए राज्यभर में विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। ठाकरे ने सवाल उठाया कि जब प्रधानमंत्री ने कहा था कि “खून और पानी साथ नहीं बह सकते”, तो फिर ‘खून और क्रिकेट’ कैसे साथ-साथ चल सकते हैं।
भाजपा नेता नितेश राणे ने इस बयान पर पलटवार किया। राणे ने शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि वे बुर्का पहनकर मैच देख सकते हैं और अगर महिला की आवाज में बोलेंगे तो लोग पहचान नहीं पाएंगे।
राणे ने आगे ठाकरे और उनके अखबार सामना पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि उनके पिछले रैलियों में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए गए थे, हरे झंडे लहराए गए थे और ‘सर तन से जुदा’ जैसे नारे लगे थे। उन्होंने सवाल किया कि तब पाकिस्तान पर गुस्सा क्यों नहीं आया।
मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैच का बहिष्कार ही भारत का सही संदेश देगा। उन्होंने केंद्र सरकार पर देशभक्ति को व्यापार में बदलने का आरोप लगाया और कहा कि मैच का आयोजन भी केवल आर्थिक लाभ के लिए किया जा रहा है।
ठाकरे ने यह भी कहा कि रविवार को उनकी पार्टी की महिला कार्यकर्ता राज्यभर में विरोध प्रदर्शन करेंगी और हर घर से पीएम मोदी को संदेश भेजा जाएगा कि देशभक्ति का यह तरीका जनता को मंजूर नहीं है। उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि पाकिस्तान से आतंकवाद की घटनाएं जारी हैं, ऐसे में क्रिकेट खेलना शहीदों का अपमान है। उन्होंने अपने पिता बाल ठाकरे और पाकिस्तानी क्रिकेटर जावेद मियांदाद की मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि उनके पिता का स्पष्ट कहना था कि आतंक समाप्त होने तक भारत-पाक क्रिकेट नहीं होगा।