हाई अलर्ट होने के बावजूद ड्रोन ने सरहद पार की और BSF की नजर से बचकर हथियारों की खेप बॉर्डर के इस पार फेंक दी। यह भारत के लिए बड़ी चिंता का विषय है। हैरानी की बात है कि रात के समय जब वातावरण शांत होता है, तब भी BSF के जवानों को ड्रोन की आवाज सुनाई तक नहीं दी। शनिवार और रविवार की रात को हुई घटना ने बॉर्डर सिक्योरिटी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि बॉर्डर सिक्योरिटी को अब हाईटेक करने की जरूरत है। ड्रोन जैसी गतिविधियों को पकड़ने के लिए बीएसएफ पूरी तरह से तैयार नहीं है। जम्मू में ड्रोन से बम गिराने की घटना के बाद से ही पूरे बॉर्डर एरिया में ड्रोन पर नजर रखने के आदेश जारी हैं। पंजाब के बॉर्डर एरिया में ऐसा क्यों नहीं हो रहा है? क्या वहां आदेश जारी नहीं किए गए हैं या आदेशों की पालना नहीं हो रही।
डीजीपी दिनकर गुप्ता द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, शनिवार-रविवार को हथियार ड्रोन की सहायता से लोपोके के खेतों में लैंड होते हैं। वहीं दूसरी तरफ जब हथियार खेत में फैंके जाते हैं तो पूर्व सरपंच को इसकी भनक लग जाती है, जो सो रहा होता है। लेकिन बॉर्डर पर पहरा दे रहे जवान इसे भांपने में चूक जाते हैं। जबकि BSF के अधिकारियों के अनुसार, ड्रोन को डिटेक्ट करने के लिए आवाज ही काफी है।
जम्मू कश्मीर बॉर्डर पर भी ड्रोन की कुछ गतिविधियां बीएसएफ ने रिपोर्ट की, लेकिन उन्हें रोकने के लिए मात्र हवा में फायर किए गए। जिसके बाद ड्रोन वापस चले गए। ड्रोन को पकड़ने या विफल करने का कोई साधन इस समय बीएसएफ के पास नहीं है। वहीं पंजाब फ्रंट लाइन के अधिकारियों के अनुसार, ड्रोन की आवाज BSF जवान सुन नहीं पाए और न ही ड्रोन की कोई एक्टिविटी डिटेक्ट हुई।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने फहराना है अमृतसर में ध्वज
बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 15 अगस्त को अमृतसर के गुरु नानक स्टेडियम में राष्ट्रीय ध्वज फहराना है। जबकि विदेश में बैठे खालिस्तानी समर्थक कैप्टन और राज्यपाल को मारने की धमकियां दे चुके हैं। ऐसे में चिंता और ज्यादा हो जाती है कि अलर्ट के बावजूद बीएसएफ ड्रोन जैसी गतिविधियां को बॉर्डर पर रिपोर्ट नहीं कर पा रही है