सुखबीर बादल पर हमला: आरोपी नारायण सिंह चौड़ा के दूसरे साथी की हुई पहचान

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख सुखबीर बादल पर हुए जानलेवा हमले के पीछे नारायण सिंह चौड़ा की मदद करने वाले अन्य साथियों का वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने खुलासा किया है। मजीठिया ने बताया कि दूसरे साथी की पहचान जसपाल सिंह जस्सा मोटा उर्फ सिरलथ के रूप में हुई है, जोकि एक आपराधिक रिकॉर्ड वाला आतंकवादी है।

मजीठिया ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज से चौड़ा के दोनों साथियों की पहचान कर ली गई है, लेकिन पंजाब पुलिस की जांच अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। दोनों ही आरोपी तीन दिसबंर को श्री दरबार साहिब परिसर में उसके साथ मौजूद थे। वे दोनों उस समय भी मौजूद थे जब उसने परिसर की रेकी की और 4 दिसंबर को जब उसने एक अर्ध स्वचालित हथियार से सुखबीर बादल पर नजदीक से गोली चलाई थी। इसने अमृतसर पुलिस के उन दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि हमला एक अकेले व्यक्ति ने किया।

मजीठिया ने कहा कि पहले आतंकवादी की पहचान धरम सिंह धर्मा उर्फ धर्म बाबा के रूप में हुई है, जबकि दूसरे साथी की भी पहचान सामने आ गई है। फिर भी अमृतसर पुलिस इस घटना को आतंकवादी हमला नहीं मान रही है और मामले में दर्ज एफआईआर में चौड़ा के दो साथियों को शामिल नहीं किया गया हैं।

मजीठिया ने कहा कि जसपाल एक जाना-माना कट्टरपंथी और आतंकवादी है। यह साबित हो चुका है कि यह हमला नारायण चौड़ा की अगुवाई में एक सुनियोजित और पूर्व नियोजित था। इसमें दो अन्य लोग भी शामिल थे, इसीलिए पंजाब के डीजीपी को आईपीएस प्रबोध कुमार जैसे निष्पक्ष और विश्वसनीय अधिकारी को जांच सौंपने में देरी नहीं करनी चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अब यह पता लगाना और भी महत्वपूर्ण हो गया कि पुलिस अधीक्षक हरपाल सिंह रंधावा हत्यारों की इस टीम की सहायता क्यों कर रहे थे। यह तभी किया जा सकता है जब एसपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जाए। अमृतसर के पुलिस आयुक्त गुरप्रीत भुल्लर की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए।

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