पंजाब और हरियाणा के बीच भाखड़ा डैम के जल बंटवारे को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। अब इस मुद्दे पर बयानबाजी भी तेज हो गई है। पंजाब सरकार ने दो टूक कह दिया है कि वह हरियाणा को अतिरिक्त पानी नहीं देगी। इसी को लेकर सोमवार को पंजाब विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया है, जो सुबह 11 बजे से शुरू होगा।
इससे पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मीडिया से बात करते हुए साफ किया कि हरियाणा को अब पानी नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह कोई विवाद नहीं है, बल्कि हरियाणा अपनी हिस्सेदारी से ज्यादा की मांग कर रहा है, जो स्वीकार्य नहीं है।
"आंकड़े हमारे पक्ष में हैं" – सीएम मान
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि हरियाणा को 20 प्रतिशत पानी देने की बात हुई थी, जो वह पहले ही उपयोग कर चुका है। उन्होंने बताया कि पहले पंजाब सिर्फ 21 प्रतिशत पानी का ही इस्तेमाल करता था, लेकिन अब जल वितरण प्रणाली में सुधार के चलते राज्य 60 प्रतिशत पानी का सही तरीके से उपयोग करने लगा है। ऐसे में अतिरिक्त पानी देने का सवाल ही नहीं उठता।
पंजाब विधानसभा सत्र पर देशभर की निगाहें
पंजाब और हरियाणा दोनों ने पहले ही सर्वदलीय बैठकें कर अपने-अपने रुख को स्पष्ट कर दिया था, लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका। अब केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी इस मुद्दे को लेकर पंजाब में सक्रिय हैं।
बताया जा रहा है कि पंजाब विधानसभा में हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के विरोध में एक प्रस्ताव लाया जाएगा, जिसे बहुमत से पारित किए जाने की संभावना है। भगवंत मान सरकार इस मुद्दे पर किसी भी तरह का समझौता करने के मूड में नहीं दिखाई दे रही है।
पंजाब सरकार का दावा है कि वह पहले से ही हरियाणा को आवश्यकतानुसार 4000 क्यूसेक पानी दे रही है, जबकि 8500 क्यूसेक की मांग अनुचित है। उधर, केंद्र सरकार ने भी अब इस विवाद में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया है।