चंडीगढ़: ठगी के आरोपी पर जांच के बाद 1 लाख रुपये का जुर्माना

चंडीगढ़ पुलिस के एसएसपी कुलदीप सिंह चहल पर पक्षपात का आरोप लगा केसों की जांच किसी अन्य अफसर को सौंपने की मांग करना एक बिजनेसमैन को भारी पड़ गया। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने इस बिजनेसमैन के आपराधिक रिकॉर्ड को देख उसकी याचिका रद्द कर दी। वहीं उस पर 1 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया है। 4 महीने में यह जुर्माना हाईकोर्ट लॉयर्स वेल्फेयर फंड में जमा करवाने को कहा गया है।

चंडीगढ़ के विवादित बिजनेसमैन राम लाल चौधरी ने याचिका दायर की थी। चौधरी ने मांग की थी कि उसके खिलाफ 3 शिकायतों की जांच मौजूदा एसएसपी कुलदीप चहल से लेकर यूटी पुलिस के किसी अन्य अफसर को दी जाए। हाईकोर्ट जस्टिस अरविंद सिंह सांगवान की बेंच ने उसकी इस याचिका को रद्द करते हुए यह जुर्माना लगाया है।

चंडीगढ़ पुलिस की डीएसपी(साउथ) श्रुति अरोड़ा ने मामले में पुलिस की ओर से एफिडेविट दायर किया। इसमें बताया गया कि राम लाल चौधरी के खिलाफ कई आपराधिक मामले लंबित हैं। चौधरी लोगों को ठगने की नियत से उन लोगों के संपर्क में आता था, जिन्हें हाई लिंक्स की ज़रूरत होती थी। इस तरह वह कई लोगों को अपना शिकार बनाता था। पुलिस के मुताबिक, चौधरी ने कई लोगों के साथ करोड़ों रुपए की ठगी की है। चौधरी के खिलाफ अभी तक 8 एफआईआर दर्ज हैं।

हाईकोर्ट ने पुलिस का जवाब देखकर पाया कि अलग-अलग जगहों के शिकायतकर्ताओं से चौधरी संपर्क करता था और उनके काम करवाने का लालच देकर मोटी रकम वसूलता था। हाईकोर्ट ने पुलिस के एफिडेविट और एफआईआर को देखने के बाद कहा कि कुलदीप चहल चंडीगढ़ से पहले मोहाली और तरनतारन के एसएसपी थे। याची के खिलाफ वहां भी शिकायतें लंबित थीं।

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