संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के वरिष्ठ नेता एवं भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर के अध्यक्ष जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें तुरंत बरनाला के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों द्वारा उनका इलाज किया जा रहा है।
पेट में हुआ तेज दर्ज
जगजीत डल्लेवाल आज बरनाला के धनौला मंडी में महापंचायत में भाग लेने पहुंचे थे, जहां उनकी अचानक तबीयत खराब हो गई। संगठन के नेताओं के अनुसार जगजीत सिंह डल्लेवाल को पेट में तेज दर्द होने लगा, जिसके चलते उन्हें बीएमसी अस्पताल बरनाला में भर्ती कराया गया और डॉक्टरों ने इलाज शुरू कर दिया है।
कल भी अस्पताल में भर्ती थे डल्लेवाल
इस अवसर पर बोलते हुए किसान यूनियन सिद्धूपुर के नेता रणजीत सिंह ने कहा कि आज बरनाला जिले के धनौला में किसानों की बड़ी रैली हुई, जिसमें किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पहुंचे थे। कल उन्हें खन्ना के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जिसके बाद उन्हें सीधे इस किसान रैली में लाया गया, जहां उनके पेट में दर्द होने लगा और उसके बाद उन्हें तुरंत बरनाला के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां डॉक्टरों द्वारा उनका इलाज किया जा रहा है।
डल्लेवाल ने की बरनाला में बड़ी किसान रैली की
मरणवर्त खत्म करने के बाद किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने की बरनाला में बड़ी किसान रैली की। डल्लेवाल ने कहा कि पंजाब सरकार ने किसानों की पीठ में छुरा घोंपा है। आमरण अनशन और शांतिपूर्ण संघर्ष को पुलिस बल द्वारा बलपूर्वक दबा दिया गया। किसानों की ट्रॉलियां चुराने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने की बजाय किसानों के खिलाफ ही मामला दर्ज करने के आरोप लगाये। काका सिंह कोटड़ा, अभिमन्यु कोहाड़ और अत्याचार के शिकार युवा प्रितपाल सिंह के अलावा अन्य प्रमुख किसान नेता मौजूद रहे और किसानी मांगों को लेकर संघर्श जारी रखने का एलान किया।
जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि दिल्ली आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार द्वारा मानी गई मांगों को लागू करने की बिजाए 13 फरवरी 2024 को दिल्ली कूच के दौरान हरियाणा की भाजपा सरकार ने केंद्र के इशारे पर सड़कों पर दीवारें बना दीं, सड़कों पर गड्ढे खोद दिए और किले लगा दिए, दिल्ली जाने वाले मार्गों को अवरुद्ध कर दिया और 13, 14 व 21 फरवरी को किसानों पर आंसू गैस के गोले, रासायनिक गैसें, मोर्टार इंजेक्टर, एसएलआर चलाईं। भाजपा सरकार के इस अत्याचार के कारण चार किसानों की आंखों की रोशनी चली गई और लगभग 435 किसान घायल हो गए।
उन्होंने आगे कहा कि 13 फरवरी 2024 से खनौरी व शंभू बॉर्डर पर किसानों की ओर से शांतमय आंदोलन चलाया जा रहा है, लेकिन 19 मार्च को चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के साथ हुई बैठक के बाद पंजाब की भगवंत मान सरकार ने मोर्चों पर लौट रहे किसान नेताओं की पीठ में छुरा घोंपकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया और खनौरी व शंभू बॉर्डर पर भारी पुलिस बल भेजकर किसानों के घरों को नष्ट कर दिया। पुलिस के आदेश पर किसानों के ट्रैक्टर, ट्रॉलियां, एसी-कूलर, गैस सिलेंडर, बिस्तर, बिछावन आदि और खाने-पीने का राशन खुलेआम लूटा व चुराया गया और किसानों पर जुल्म ढाते हुए उन्हें जेलों में बंद कर दिया गया।
उन्होंने कहा प्रशासन किसानों की ट्रॉलियां चुराने वाले लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की बजाय प्रभावित किसानों व किसानों की ट्रॉलियां ढूंढने में मदद करने वालों के खिलाफ ही मामला दर्ज कर रही है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।