पंजाब विधानसभा चुनाव में जुटी भाजपा के पंजाब प्रभारी और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत मंगलवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिले। दोनों नेताओं ने कैप्टन के सिसवां फार्म हाउस में लंच किया। सोमवार को ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भाजपा और संयुक्त अकाली दल के साथ पंजाब विधानसभा चुनाव में उतरने की घोषणा की थी। भाजपा से समझौते को लेकर कैप्टन ने कहा था कि वह जल्द ही भाजपा के राष्ट्रीय प्रधान जेपी नड्डा और पंजाब के चुनाव प्रभारी गजेंद्र शेखावत से मिलेंगे।
चंडीगढ़ सेक्टर नौ में सोमवार को पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) के पार्टी कार्यालय के उद्घाटन के मौके पर कैप्टन ने दावा किया था कि विधानसभा चुनाव में उनका मुकाबला किसी भी पार्टी से नहीं है। उनकी पार्टी गठबंधन सहयोगियों के दम पर सरकार बनाएगी। कृषि कानूनों को प्रधानमंत्री ने रद्द कर दिया है और राष्ट्रपति ने भी इस पर मुहर लगा दी है।
पंजाब लोक कांग्रेस को भारी समर्थन का किया था दावा
उन्होंने कहा कि भाजपा और संयुक्त अकाली दल में शामिल सीनियर टकसाली नेता उनकी पार्टी को भारी समर्थन दे रहे हैं। पार्टी अब राज्य में सदस्यता अभियान शुरू करेगी। यह पूछे जाने पर कि उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान उनका समर्थक कोई भी कांग्रेसी नेता मौजूद नहीं है, इस पर कैप्टन ने कहा कि पंजाब में चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने दीजिए, सबको पता चल जाएगा कि पीएलसी को कितना समर्थन मिल रहा है। उनकी पार्टी कांग्रेस से निकाले गए सभी लोगों को नहीं लेगी।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर एक कमेटी भी गठित कर दी गई है। सरबत खालसा की ओर से नियुक्त किए गए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ध्यान सिंह मंड द्वारा उन्हें तनखैया करार देने के मुद्दे पर कैप्टन ने कहा कि छठे गुरु श्री हरगोबिंद साहिब की ओर से स्थापित किए गए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ही कोई फैसला ले सकते हैं, मंड नहीं। आप के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी अगर यह मान रही है कि वह पंजाब में जमीनी स्तर पर बहुत मजबूत हो गई है तो फिर उसके विधायक पार्टी छोड़कर क्यों भाग रहे हैं।