पहलवान व कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट रविवार को खनौरी बॉर्डर पहुंची। उन्होंने आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना। इसके बाद विनेश फोगाट ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री पर भी किसानों के साथ हो रहे जुल्म को लेकर जुबानी हमला बोला।
कांग्रेस नेता विनेश फोगाट ने कहा कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल दूसरों के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। मैं पंजाब, हरियाणा और पूरे देश के लोगों से किसानों के इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का आग्रह करती हूं। डल्लेवाल जैसे लोगों की हमें जरूरत है। वह अपना अनशन तोड़ने को तैयार नहीं है और दूसरी तरफ सरकारें अपने कान बंद कर किसानों की मांगों को अनसुना कर रही है।
विनेश फोगाट ने कहा कि डल्लेवाल जैसे लोगों की समाज को बहुत जरूरत है। उनके लिए हर दिन हर घंटा मुश्किल हो रहा है। ऐसे में अब समय आ गया है कि मैदान में डटकर लड़ना होगा। इसलिए पंजाब और हरियाणा के सभी लोगों से आग्रह करती हूं कि वे भी किसानों के साथ आएं। फोगाट ने कहा कि मेरी लोगों से अपील है कि इतना लेट मत आना कि बहुत ज्यादा देर हो जाए।
किसानों पर जुल्म करना कायरता का काम
शनिवार को किसानों को दिल्ली जाने से रोकरने पर फोगाट ने कहा कि यह उनका तीसरा अटेंप्ट था। 101 किसानों का जत्थे दिल्ली जाने से रोकने के लिए उनपर जुल्म किए गए। किसानों पर आंसू गैस और पानी की बौछारें छोड़ी गईं। यह कायरता वाला काम किया जा रहा है। देश में इमरजेंसी जैसा माहौल है। किसान आज अपना हक मांग रहा है, जिसके लिए उन्हें लंबा संघर्ष करना पड़ रहा है। किसानों को एमएसपी नहीं मिल रहा है। सरकारों ने कान बंद कर दिए हैं। ऐसा नहीं कि प्रधानमंत्री को पता नहीं हैं। वह जानबुझ कर किसानों की अनदेखी कर रहे हैं।
देश में आपातकाल जैसे हालात
फोगाट ने कहा कि देश में आपातकाल जैसे हालात हैं। सरकार को इसका समाधान ढूंढना होगा। पीएम मोदी बहुत बड़े-बड़े भाषण देते हैं, कल भी उन्होंने संसद में भाषण दिया था, लेकिन अब भाषण देने के अलावा भी कुछ करना होगा। हम जितने लोग हैं हमारी आवाज को सुना नहीं जा रहा है। हम सभी को यह दिखाने के लिए आगे आना होगा कि हम एकजुट हैं। प्रधानमंत्री, गृह मंत्री ने अपने कान बंद कर दिए है। किसानों, मजदूरों को बचाना है तो इस आंदोलन में लोगों को शामिल होना पड़ेगा।
किसान मजबूर, जाएं तो जाएं कहां
हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी रविवार को खनौरी बॉर्डर पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन की मांगें वही हैं। किसान चुपचाप विरोध कर रहे हैं, लेकिन कोई उनकी बात नहीं सुन रहा। सरकार को किसानों को बातचीत के लिए बुलाना चाहिए और समाधान निकालना चाहिए। किसान मजबूर हैं ऐसे में अपनी मांगों को लेकर कहां जाएं। क्योंकि सरकारें सुनने को तैयार नहीं है। हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि जो लोग पहले (तीन कृषि कानूनों के खिलाफ) विरोध प्रदर्शन में शामिल थे, अगर वे इस विरोध में शामिल हो जाएं, तो विरोध का वजन बढ़ जाएगा।