भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) और पंजाब सरकार के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। पंजाब सरकार ने बीबीएमबी के डायरेक्टर (सुरक्षा) को पत्र लिखकर साफ कहा है कि जब तक 2 मई को केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक के मिनट्स नहीं मिलते, तब तक कोई भी कार्रवाई न की जाए।
बिना सूचना गेट खोलने का आरोप
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आरोप लगाया कि बीबीएमबी के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने बिना पूर्व सूचना नंगल डैम के गेट खोलने की कोशिश की। उन्होंने पंजाब का एक गेट बंद कर हरियाणा को 200 क्यूसेक अतिरिक्त पानी देने के लिए गेट खोल दिया। मान का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश में हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने का कोई जिक्र नहीं है। उन्होंने कहा कि बीबीएमबी चेयरमैन ने न तो केंद्रीय गृह सचिव की बैठक के मिनट्स दिखाए और न ही कोई आदेश प्रस्तुत किया।
डैम परिसर में प्रवेश पर रोक
बीबीएमबी चेयरमैन त्रिपाठी जब गुपचुप तरीके से नंगल डैम पहुंचे, तो पंजाब पुलिस ने उन्हें और उनके अधिकारियों को डैम परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया। पुलिस ने सुरक्षा का हवाला देते हुए चेयरमैन को अंदर नहीं जाने दिया। इस दौरान त्रिपाठी ने हाईकोर्ट के आदेश का भी जिक्र किया, लेकिन पुलिस ने डैम क्षेत्र को सील कर दिया।
हाईकोर्ट के निर्देश और कानूनी पहलू
हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस को डैम के संचालन में हस्तक्षेप न करने का निर्देश दिया है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था पर कोई रोक नहीं है। इस विवाद के बीच मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी डैम का दौरा करने का निर्णय लिया।
पानी न छोड़ने से डैम को खतरा
बीबीएमबी ने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि डैम में पानी रोके जाने से उसकी संरचना को नुकसान हो सकता है। हरियाणा को अतिरिक्त पानी नहीं देने के चलते नंगल डैम से पानी छोड़ा नहीं जा रहा है, जिससे नहरों में दरार आने की आशंका है।
सियासी तनाव के बीच बैठक
मुख्यमंत्री मान ने शुक्रवार सुबह 11 बजे अपने आवास पर कैबिनेट बैठक बुलाई है। इस बीच डैम क्षेत्र में पुलिस तैनाती और गेट्स की चाबियों को लेकर भी विवाद बना हुआ है। भाखड़ा डैम को लेकर इस टकराव ने पंजाब में राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है।