लखनऊ। राजधानी के लगभग दो लाख बिजली उपभोक्ताओं के परिसरों में चार साल पहले स्मार्ट मीटर लगाए गए थे। यह काम एक निजी कंपनी द्वारा किया गया था। इसके बाद बाकी उपभोक्ताओं के लिए दूसरी कंपनी के माध्यम से नए और आधुनिक स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई।

इस वजह से शहर में दो तरह के स्मार्ट मीटर मौजूद हो गए, जिससे रीडिंग, मरम्मत और सॉफ्टवेयर अपडेट जैसी कई समस्याएं सामने आईं। पहले मीटर लगाने वाली कंपनी ने साफ कह दिया कि उनके समझौते में सॉफ्टवेयर अपडेट शामिल नहीं है और अगर यह सुविधा चाहिए तो नई दर पर भुगतान करना होगा।

अब मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने निर्णय लिया है कि सभी मीटर एक ही कंपनी के माध्यम से बदले जाएंगे, ताकि उपभोक्ताओं और अभियंताओं की परेशानियों का समाधान हो सके।

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक वाणिज्य योगेश कुमार के अनुसार, लखनऊ और बरेली में कुल सवा तीन लाख उपभोक्ताओं के परिसर में मीटर लगे हैं। नए प्री-पेड स्मार्ट मीटर बिल्कुल अपडेटेड होंगे और इसके लिए उपभोक्ताओं से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

कहाँ शुरू हुई प्रक्रिया

  • अमौसी और गोमती नगर जोन में करीब 80,000 मीटर बदलने का काम शुरू हो गया है।

  • जानकीपुरम जोन में भी अभियंताओं ने यह प्रक्रिया शुरू करवा दी है।

  • शहर के 15 लाख उपभोक्ताओं में से 11 लाख से अधिक के परिसर में पहले ही स्मार्ट मीटर लग चुके हैं।

प्री-पेड सिस्टम का लाभ

नए मीटरों में उपभोक्ताओं को पहले रिचार्ज करना होगा, उसके बाद ही बिजली का उपयोग संभव होगा। यह कदम बिजली विभाग को समय पर बिल प्राप्त करने और इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने में मदद करेगा। दिसंबर 2026 तक राजधानी के सभी 15 लाख उपभोक्ताओं के मीटर प्री-पेड करने की योजना पूरी की जाएगी।