ग्रेटर नोएडा (दादरी)। दादरी के बिसाहड़ा गांव में वर्ष 2015 में हुई मोहम्मद अखलाक की भीड़ द्वारा हत्या के मामले में अब इलाहाबाद हाईकोर्ट में कानूनी लड़ाई शुरू हो गई है। प्रदेश सरकार द्वारा आरोपियों के खिलाफ मुकदमा वापस लेने के फैसले को अखलाक की पत्नी इकरामन ने चुनौती दी है। उन्होंने अधिवक्ता ओमर जामिन के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस पर शीतकालीन अवकाश के बाद खंडपीठ सुनवाई करेगी।
गौरतलब है कि 28 सितंबर 2015 को कथित रूप से प्रतिबंधित मांस रखने के शक में भीड़ ने अखलाक के घर पर हमला कर दिया था, जिसमें 52 वर्षीय अखलाक की जान चली गई थी। घटना के बाद पुलिस ने हत्या समेत गंभीर धाराओं में केस दर्ज करते हुए 18 लोगों को आरोपी बनाया था। इनमें तीन नाबालिग थे, जबकि एक आरोपी की वर्ष 2016 में मृत्यु हो चुकी है। शेष 14 आरोपी फिलहाल जमानत पर हैं और मामला नोएडा की ट्रायल कोर्ट में लंबित है।
इस बीच प्रदेश सरकार ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 321 के तहत मुकदमा वापस लेने के लिए ट्रायल कोर्ट में आवेदन किया। सरकार के इसी कदम को अखलाक की पत्नी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि सरकार का फैसला न्याय की भावना के विपरीत है। याचिकाकर्ता ने प्रसिद्ध कथन “कहीं भी अन्याय, हर जगह न्याय के लिए खतरा है” का उल्लेख करते हुए अदालत से सरकार के फैसले को निरस्त करने की मांग की है। साथ ही आग्रह किया गया है कि कार्यपालिका अपनी शक्तियों का इस्तेमाल संविधान के दायरे में करे और उनका दुरुपयोग किसी राजनीतिक उद्देश्य के लिए न हो।
याचिका में प्रदेश सरकार के विशेष सचिव के अलावा ग्रेटर नोएडा के जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, अभियोजन पक्ष के संयुक्त निदेशक समेत नामजद आरोपियों को प्रतिवादी बनाया गया है। अब इस बहुचर्चित मामले पर हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार किया जा रहा है।