अवैध धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार जमालुद्दीन उर्फ छांगुर के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार सुबह 5 बजे से उत्तर प्रदेश और मुंबई के कुल 14 ठिकानों पर तलाशी अभियान शुरू किया। इनमें 12 स्थान बलरामपुर जिले के उतरौला क्षेत्र में हैं, जबकि 2 स्थान मुंबई में स्थित हैं।
ईडी की टीम ने छांगुर के मधुपुर स्थित निवास और उसके कॉम्प्लेक्स सहित कई संपत्तियों की तलाशी ली। साथ ही उसके करीबी व्यक्तियों के आवासों पर भी जांच की गई। मधुपुर में उसे ज़मीन बेचने वाले पूर्व ग्राम प्रधान जुम्मन के घर पर भी ईडी ने दबिश दी। इसके अलावा शहजाद शेख नामक व्यक्ति के मुंबई स्थित निवास पर भी छापा मारा गया है, जिसके खाते में कथित रूप से एक करोड़ रुपये जमा होने की जानकारी सामने आई है। पुणे में भी कार्रवाई की तैयारी चल रही है।
धर्मांतरण केस से जुड़े वित्तीय लेन-देन की जांच
ईडी की कार्रवाई का उद्देश्य छांगुर के आर्थिक नेटवर्क, धन के प्रवाह और विदेशी फंडिंग से जुड़े पहलुओं की जांच करना है। उसके विभिन्न जिलों और प्रदेशों में फैले ठिकानों को खंगाला जा रहा है। उतरौला स्थित उसके प्रतिष्ठान और कार्यालयों को भी सील कर दिया गया है। जांच एजेंसी छांगुर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी सहायता के उपयोग के पहलुओं को खंगाल रही है।
एसटीएफ की कार्रवाई, भतीजे से पूछताछ
इससे पूर्व बुधवार रात उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीम उतरौला पहुंची थी, जहां बस अड्डे के पास छांगुर के भतीजे सोहराब को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। सोहराब पर आजमगढ़ में जबरन धर्मांतरण कराने का आरोप है। हालांकि, पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया।
गवाह पर हमला, धमकी देकर बयान बदलवाने की कोशिश
धर्मांतरण मामले में एटीएस के गवाह हरजीत कश्यप पर छांगुर के समर्थकों ने हमला किया। रसूलाबाद निवासी हरजीत ने आरोप लगाया कि तीन जुलाई को लखनऊ में दिए गए बयान के कारण रियाज, कमालुद्दीन और नव्वाब नामक तीन लोगों ने उसे डुमरियागंज रोड पर रोका, पीटा और हत्या की धमकी दी। आरोपियों ने धमकाते हुए कहा कि बयान न बदला तो अंजाम भुगतना होगा।
हरजीत ने बताया कि हमलावरों ने उसे कहा, “यह गांव अब पाकिस्तान है, यहां मुसलमानों से बगावत करोगे तो बख्शे नहीं जाओगे।” उतरौला कोतवाली प्रभारी अवधेश राज सिंह ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया गया है और सभी आरोपियों की तलाश की जा रही है।