रायबरेली। सलोन क्षेत्र में बने जाली जन्म प्रमाणपत्रों के मामले उजागर होने के बाद अब तक 250 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जिनका देशभर में दुरुपयोग हुआ। मुंबई की कांदिवली पुलिस की जांच में पता चला कि आमिर अली के पासपोर्ट में पिता अली हसन शेख और मां मुमताज शेख के फर्जी जन्म प्रमाणपत्र सलोन से ही बनवाए गए थे।

इसी तरह बेंगलुरु पुलिस ने बांग्लादेशी नागरिक जाकिर को फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के साथ गिरफ्तार किया था। जाकिर ने सलोन से प्रमाणपत्र बनवाकर भारतीय नागरिकता हासिल करने का प्रयास किया। कौशांबी जिले के चायल ब्लॉक में वंदना के आधार में संशोधन के लिए भी पाल्हीपुर के प्रमाणपत्र का उपयोग हुआ, जिसे जांच के बाद रद्द कर दिया गया।

उत्तर प्रदेश में ऐसे 50 से अधिक संदिग्ध मामलों का पता चला है। चंदौली जिले के अभिषेक और सत्यम के फर्जी प्रमाणपत्रों की उत्पत्ति नुरुद्दीनपुर और पृथ्वीपुर गांवों में हुई थी। पिछले महीने डीह थाने की पुलिस ने रोखा बाजार में अंजली मोबाइल शॉप संचालक अरविंद और गोपालपुर में शुत्रघ्न को पकड़ा। इनके पास से 200 से अधिक जाली आधार बरामद किए गए, जिनमें जन्म प्रमाणपत्रों का दुरुपयोग किया गया था।

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) मामले की जांच कर रहा है। जगतपुर जनसेवा केंद्र के संचालक ने बछरावां के शेषपुर समोधा की हेमा का फर्जी प्रमाणपत्र बनाया, जिसे आधार बनवाने के प्रयास में पकड़ लिया गया।

रायबरेली जिले में 1992 में आतंकी अब्दुल करीम टुंडा और हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बिलाल अहमद छिपकर ठिकाने बना चुके थे। इसके बाद सलोन में फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के सुरक्षित ठिकाने बनाने की कोशिशें हुईं।

डीपीआरओ सौम्यशील सिंह ने बताया कि गुरुवार को 217 और फर्जी जन्म प्रमाणपत्र निरस्त किए गए, जिससे कुल निरस्त प्रमाणपत्रों की संख्या बढ़कर 1263 हो गई। जिला मुख्यालय के साथ ही ब्लॉकों में भी कर्मचारियों को इस कार्य में लगाया गया है। एसआईआर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रमाणपत्रों को निरस्त करने में तेजी आएगी।