लखनऊ/वाराणसी। उत्तर प्रदेश में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने कोडीन युक्त कफ सिरप और नारकोटिक्स श्रेणी की दवाओं के अवैध व्यापार पर सख्त कार्रवाई की है। विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में औषधि प्रतिष्ठानों पर छापेमारी कर बड़ी अनियमितताओं का पता लगाया।

जांच के दौरान अधिकारियों ने पाया कि कई फार्म में दवाओं का अवैध भंडारण किया जा रहा था, कुछ प्रतिष्ठानों का वास्तविक अस्तित्व नहीं था, जबकि कई केवल बिलिंग पॉइंट के रूप में चल रहे थे। इसके अलावा क्रय-विक्रय का रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं किया गया और नशीली दवाओं की गैर-कानूनी बिक्री भी हो रही थी।

एफएसडीए की कार्रवाई के तहत अब तक प्रदेश के 87 प्रतिष्ठानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। इनमें वाराणसी में 28, जौनपुर में 12, कानपुर नगर में 8, लखनऊ में 3 और चंदौली, बहराइच, सुल्तानपुर, गाजीपुर समेत अन्य जिलों में 36 फर्में शामिल हैं। इन फर्मों के लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

वाराणसी में कार्रवाई में शामिल प्रमुख नामों में प्रशांत उपाध्याय, आकाश पाठक, अमित जैसवाल, विशाल सोनकर, सचिन पांडे, घनश्याम, अभिनव यादव, बादल आर्य, राहुल जैसवाल, हिमांशु चतुर्वेदी और पूजा तिवारी शामिल हैं। वहीं सुल्तानपुर में अनीस खान, भदोही में अमन कुमार, प्रयागराज में ओमप्रकाश कसेरा और लखनऊ में आशुतोष पटेल के प्रतिष्ठानों में भी गंभीर अनियमितताएं पाई गईं।

एफएसडीए आयुक्त डा. रोशन जैकब ने स्पष्ट किया कि कोडीन, नारकोटिक्स और साइकोट्रॉपिक दवाओं के अवैध भंडारण, खरीद-बिक्री, वितरण और आवाजाही में शामिल किसी भी प्रतिष्ठान को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में पहचान की गई सभी संदिग्ध फर्मों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।