उत्तर भारत में विमानन इतिहास का नया अध्याय लिखने जा रहा नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (जेवर एयरपोर्ट) अपने उद्घाटन से अब कुछ ही कदम दूर है। मंगलवार को यहां आयोजित ऑपरेशनल रेडिनेस एंड एयरपोर्ट ट्रांसफर (ORAT) ट्रायल पूरी तरह सफल रहा, जिससे यह साबित हो गया कि यह हवाई अड्डा उड़ानों के संचालन के लिए पूर्णतः तैयार है। यमुना एक्सप्रेसवे के पास बन रहा यह अत्याधुनिक एयरपोर्ट न केवल दिल्ली-एनसीआर बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के यात्रियों को भी नई सुविधा देगा।

ट्रायल के दौरान एयरपोर्ट को पूरी तरह वास्तविक संचालन की तरह चलाया गया। कर्मचारियों के परिजनों और दोस्तों को यात्रियों की भूमिका दी गई, ताकि वास्तविक परिस्थिति में सभी सिस्टम की जांच हो सके। लगभग 60 प्रतिभागियों ने दस्तावेज़ सत्यापन, चेक-इन, सुरक्षा जांच और बोर्डिंग जैसी प्रक्रियाएं पूरी कीं। इसके बाद एयरपोर्ट के सभी प्रमुख हिस्सों—जैसे बोर्डिंग गेट, वेटिंग लाउंज, बैगेज हैंडलिंग सिस्टम, एस्कलेटर और लिफ्ट—का विस्तृत मूल्यांकन किया गया ताकि किसी भी स्तर पर कोई खामी न रहे।

ट्रायल के दौरान न केवल तकनीकी जांच की गई, बल्कि वाहनों की पार्किंग, सुरक्षा व्यवस्था, कर्मचारियों के समन्वय और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली का भी बारीकी से निरीक्षण किया गया। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) के अधिकारियों ने इसे एयरपोर्ट विकास यात्रा का निर्णायक पड़ाव बताया। उनका कहना है कि इस ट्रायल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि जब 15 दिसंबर से वाणिज्यिक उड़ानें शुरू हों, तो यात्रियों को सुरक्षित और विश्वस्तरीय अनुभव मिले।

अधिकारियों के अनुसार, एयरपोर्ट की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। उद्घाटन के बाद यह हवाई अड्डा दिल्ली एयरपोर्ट के दबाव को कम करेगा और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को नई गति देगा। यह स्टेशन आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा और अंतरराष्ट्रीय मानकों पर यात्रियों को सहज यात्रा अनुभव प्रदान करेगा।

इस सफलता के साथ नोएडा एयरपोर्ट भारत के तेजी से विकसित होते विमानन ढांचे का प्रतीक बन गया है, जो देश को वैश्विक एविएशन नेटवर्क में और मजबूत स्थिति प्रदान करेगा।