मेरठ की नगर निगम गोशाला में गोवंशों की दुर्दशा और चारा-चोकर घोटाले को लेकर प्रशासन की दो अलग-अलग जांच समितियों ने गंभीर लापरवाही की पुष्टि की है। जिलाधिकारी डॉ. वी.के. सिंह और नगर आयुक्त सौरभ गंगवार द्वारा गठित इन समितियों ने जांच में पाया कि सात में से दो टीन-शेड में लगभग 640 गोवंशों को समुचित चारा नहीं दिया गया। इनमें से एक शेड में हालात अत्यंत चिंताजनक थे।
लाखों रुपये खर्च, फिर भी नहीं मिला हिसाब
रिपोर्ट के अनुसार, नगर निगम हर महीने करीब 35 लाख रुपये गोशाला के चारा-चोकर और अन्य देखभाल पर खर्च कर रहा है। बावजूद इसके, समिति को इस बात का कोई स्पष्ट रिकॉर्ड नहीं मिला कि कितना सामान वास्तव में खरीदा गया और कितना खर्च हुआ। इस वित्तीय अनियमितता ने गोशाला में घोटाले की आशंका को और गहरा कर दिया है।
लापरवाही में कर्मचारी और अधिकारी जिम्मेदार
जांच में यह भी सामने आया कि गोशाला में कार्यरत दस कर्मचारियों ने जानवरों की देखरेख नहीं की और उन्हें लावारिस हाल में छोड़ दिया। दोनों समितियों ने न सिर्फ कर्मचारियों, बल्कि प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. हरपाल सिंह और गोशाला के केयरटेकर को भी पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया है।
एक के बाद एक गठित होती रहीं जांच समितियाँ
डीएम ने हालात की गंभीरता को देखते हुए एडीएम सिटी ब्रजेश सिंह और सीएमओ डॉ. संदीप शर्मा की अगुवाई में विशेष समिति गठित की थी, जिसने चारा-पानी की कमी, साफ-सफाई और प्रबंधन में घोर लापरवाही की बात कही। 14 जुलाई को डीएम ने नगर आयुक्त को कार्रवाई के निर्देश दिए, लेकिन अमल नहीं हुआ। उल्टा, नगर आयुक्त ने स्वयं एक और समिति गठित कर मामले को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश की।
कर्मचारियों को हटाकर लीपापोती, अफसर बचाते रहे जिम्मेदार
जब मामले ने तूल पकड़ा, तो भाजपा नेताओं, पार्षदों और आमजन ने कड़ा विरोध जताया। दबाव बढ़ने पर 16 जुलाई को नगर आयुक्त ने दस कर्मचारियों को हटाकर कार्रवाई की औपचारिकता पूरी कर दी। आरोप है कि नगर स्वास्थ्य अधिकारी को लगातार बचाने की कोशिश की जाती रही, लेकिन प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह के हस्तक्षेप से मामला गंभीर हो गया। 18 जुलाई को नगर आयुक्त द्वारा गठित समिति ने भी अनियमितताओं की पुष्टि करते हुए डॉ. हरपाल सिंह और केयरटेकर पर सरकारी संपत्ति के गबन के आरोप लगाए।
मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा, मांगी गई रिपोर्ट
जैसे ही मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने नगर आयुक्त से जवाब-तलब करते हुए विस्तृत रिपोर्ट मांगी। दोनों समितियों की रिपोर्ट में दो टीन-शेड में चारा न मिलने की पुष्टि दर्ज है। निरीक्षण के दौरान राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने मौके पर मौजूद 340 गोवंशों की गिनती कराई, जिससे साफ हो गया कि गोशाला में भारी घोटाला हुआ है।