मुजफ्फरनगर। जीएसटी चोरी के बड़े मामले में पुलिस ने एक फर्जीवाड़ा उजागर किया है। गिरोह अब तक लगभग 1,300 करोड़ रुपये के नकली ई-वे बिल तैयार कर चुका था। कार्रवाई के दौरान मेरठ निवासी मोहम्मद नदीम और मुजफ्फरनगर निवासी मोहम्मद समीर को गिरफ्तार किया गया है, जबकि गिरोह का सरगना शादाब फिलहाल फरार है।
छापेमारी में पुलिस ने लैपटॉप, प्रिंटर, मोबाइल, नकली मुहरें और दस्तावेज बरामद किए। आरोपितों ने पूछताछ में खुलासा किया कि वे शादाब के लिए काम करते थे, जो अक्शा रिसाइक्लिंग एंड वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड नाम से फर्जी फर्म चलाता है। असल में माल की खरीद-फरोख्त या परिवहन न होने पर भी ये लोग नकली टैक्स इनवॉइस, ट्रांसपोर्ट बिल्टी और धर्म कांटा पर्चियां बनाते थे और वाहनों के नंबर भी पूर्व-निर्धारित सूची से डालते थे।
इस पूरे खेल से शादाब ने 18% जीएसटी दर के आधार पर 234 करोड़ रुपये से अधिक का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) हासिल किया। गिरफ्तार आरोपितों को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
जीएसटी के संयुक्त आयुक्त सिद्धेश कुमार दीक्षित ने बताया कि प्रारंभिक जांच में फर्जी बिलिंग की पुष्टि हुई है। केंद्रीय जीएसटी विभाग भी इस मामले की गहराई से जांच कर रहा है।