समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ सेशन कोर्ट में अपील दाखिल की है। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आजम खां को अपील के निस्तारण तक जमानत पर रिहा कर दिया है। सजा पर रोक के प्रार्थना पत्र पर कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी किया है।
इस मामले की सुनवाई 16 अगस्त को होगी। बताते चले कि सपा नेता आजम खां पर आरोप है कि आठ अप्रैल 2019 को धमौरा गांव में जनसभा के दौरान आजम खां ने सांवेधानिक पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था।
इसके बाद एडीओ सहकारिता अनिल चौहान ने शहजादनगर थाने में आजम खां के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने विवेचना के बाद चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी।
सुनवाई के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट मजिस्ट्रेट ट्रायल ने आजम खां को 15 जुलाई को नफरती भाषण देने के मामले में दोषी मानते हुए दो साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा ढाई हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ आजम खां ने शुक्रवार को अपने अधिवक्ता के माध्यम से सेशन कोर्ट में अपील दाखिल की।
जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आजम खां को अपील के निस्तारण तक 20-20 हजार के दो जमानती और इतनी ही धनराशि के मुचलके पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने सजा के प्रार्थना पत्र पर सरकार को नोटिस जारी करतेहुए सुनवाई के लिए 16 अगस्त की तारीख नियत की है।
जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आजम खां को अपील के निस्तारण तक 20-20 हजार के दो जमानती और इतनी ही धनराशि के मुचलके पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने सजा के प्रार्थना पत्र पर सरकार को नोटिस जारी करतेहुए सुनवाई के लिए 16 अगस्त की तारीख नियत की है।
आजम संग अब्दुल्ला भी रहे मौजूद
कोर्ट में सुनवाई के दौरान सपा नेता आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम भी मौजूद रहे। कोर्ट परिसर में सपा समर्थक भी मौजूद रहे। आजम खां अपने बेटे के साथ 11 बजे कोर्ट पहुंचे और ढाई बजे तक कोर्ट में रहे। उसके बाद अपने बेटे सहित घर चले गए।