उत्तर प्रदेश में विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर) के कार्य के दबाव के कारण बीएलओ (बुनियादी स्तर के अधिकारी) मानसिक और शारीरिक तनाव का शिकार हो रहे हैं। मुरादाबाद के भोजपुर निवासी 42 वर्षीय बीएलओ सर्वेश सिंह ने शनिवार रात तनाव में आकर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। रविवार तड़के करीब चार बजे उनकी पत्नी और परिवार के सदस्यों ने उन्हें फंदे पर लटका पाया, जिससे घर में चीख-पुकार मच गई।
इसी तरह, सोमवार सुबह संभल के नखासा थाना क्षेत्र के चौकुनी गांव में 38 वर्षीय अरविंद कुमार का भी हार्ट अटैक से निधन हो गया। अरविंद कुमार अमरोहा के हसनपुर ब्लॉक के फैयाजनगर प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक पद पर तैनात थे और एसआईआर कार्य में सहायक के रूप में नियुक्त थे। उन्हें बूथ संख्या 272 की जिम्मेदारी दी गई थी। छोटे भाई रोहित कुमार ने बताया कि अरविंद कुमार पर एसआईआर के कार्य को लेकर लगातार दबाव था।
अरविंद कुमार के साथ बीएलओ के रूप में काम कर रहे शिक्षामित्र लाल सिंह ने बताया कि दोनों को 1196 फॉर्म की जिम्मेदारी मिली थी, जिनमें से 970 फॉर्म ऑनलाइन किए जा चुके थे। इसके बावजूद अधिकारियों द्वारा निरंतर दबाव बनाए जाने के कारण तनाव बढ़ता गया।
अरविंद कुमार की मौत से उनके परिवार पर गहरा सदमा पड़ा। पत्नी प्रतिभा देवी, बेटी गरिमा, बेटे लविश और अन्य परिजन बेहद शोक में हैं। परिवार शव का अंतिम संस्कार करने की तैयारी में जुटा है।