काशी: एक बार फिर देश की दूसरी सबसे बड़ी और प्रदेश की सबसे बड़ी मां सरस्वती की प्रतिमा काशी में तैयार की जा रही है। पिछले साल से आठ फीट अधिक ऊंची इस बार की प्रतिमा 53 फीट की होगी, जबकि तीसरी प्रतिमा 46 फीट ऊंची होगी। दोनों प्रतिमाएं लगभग दो महीने से निर्माणाधीन हैं और 23 जनवरी को सरस्वती पूजा से पहले तैयार हो जाएंगी।

प्रतिमाएं सोने और चांदी के लुक में दिखाई देंगी और मां दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती के मिश्रित रूप में भारत की महारानी के स्वरूप में पेश होंगी। निर्माण कार्य खोजवां स्थित मूर्ति कारखाने में चल रहा है, जिसमें काशी और बंगाल के 14 कारीगर शामिल हैं।

मांग बढ़ी, बड़ी प्रतिमाओं का निर्माण
प्रख्यात मूर्तिकार अभिजीत विश्वास ने बताया कि पूजा पंडालों में अब बड़ी मूर्तियों की मांग तेजी से बढ़ी है। इस बार पिछले साल की तुलना में दोगुनी, यानी 27 बड़ी प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं, जिनकी ऊंचाई 30 से 53 फीट तक होगी। सभी प्रतिमाएं बैठी मुद्रा में होंगी। 53 फीट वाली प्रतिमा के साथ दो आठ-आठ फीट ऊंचे शेर और सात फीट लंबी वीणा होगी।

46 फीट वाली प्रतिमा कृत्रिम सोने में सजी होगी और मां हंस पर विराजमान रहेंगी। उनके चार हाथ होंगे – एक हाथ हंस की गर्दन पर, एक में कमल, एक में फूल और एक में सितार। प्रतिमाओं को आर्यावर्त स्पोर्टिंग क्लब, चेतगंज दलहट्टा और न्यू एकता क्लब, सोनिया गुजराती गली में स्थापित किया जाएगा। इन कारखानों में सौ से अधिक प्रतिमाएं तैयार की जा रही हैं, जो पूरे पूर्वांचल में भेजी जाएंगी।

बंगाल में बन रही 111 फीट ऊंची प्रतिमा
पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले महेशतला में देश की सबसे बड़ी मां सरस्वती की 111 फीट ऊंची प्रतिमा निर्माणाधीन है। पिछले साल बंगाल में 51 फीट ऊंची प्रतिमा बनाई गई थी। हालांकि इस बार और बड़ी प्रतिमा बनाने की योजना थी, लेकिन बिजली के तारों के जंजाल के कारण इसे पंडाल में ले जाना मुश्किल हो रहा है।

आर्यावर्त स्पोर्टिंग क्लब के कार्यवाहक अध्यक्ष पृथ्वीराज सोनकर ने बताया कि कोशिश रहेगी कि भविष्य में और भी बड़ी प्रतिमाएं पंडाल में ही तैयार की जाएं।