मऊ में बिजली निगम के अधीक्षण अभियंता लाल सिंह को कार्यालय में जूते से मारने के मामले में पुलिस ने आरोपी भाजपा नेता भैया मुन्ना बहादुर सिंह और वहां मौजूद उपेंद्र पांडेय का रविवार को चालान पेश किया। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों को जेल भेज दिया। दोनों आरोपी पुलिस सुरक्षा में मऊ जेल पहुंचे। मुन्ना बहादुर के समर्थकों में रिहाई को लेकर नाराजगी बनी रही। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोतवाली में तीन थानों की फोर्स और पीएससी के जवान तैनात रहे।
नपा सभासद अमित दुबे और सर्वेश पांडेय समर्थकों के साथ एसई पर मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर कोतवाली गेट पर धरने पर बैठ गए। कोतवाल राकेश कुमार सिंह ने समझाइश देकर मामला शांत कराया। वहीं, जिला अस्पताल में मेडिकल जांच के दौरान पुलिस प्रशासन के साथ धक्का-मुक्की पर नाराज मुन्ना बहादुर ने गाड़ी में बैठने से इनकार कर दिया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। कोतवाल ने समझाइश देकर किसी तरह उन्हें गाड़ी में बैठाकर कोर्ट पहुंचाया।
मामले का विवरण
सागरपाली क्षेत्र में बिजली कटौती और समय पर फॉल्ट की मरम्मत न होने से नाराज भाजपा नेता मुन्ना बहादुर सिंह ने शनिवार को समर्थकों के साथ अधीक्षण अभियंता लाल सिंह के कार्यालय में विवाद के दौरान उन्हें जूते से पीटा। पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। एसई की तहरीर पर पुलिस ने मुन्ना बहादुर सिंह के खिलाफ नामजद और 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
उपेंद्र पांडेय की गिरफ्तारी
पिटाई के समय कार्यालय में मौजूद उपेंद्र पांडेय को भी गिरफ्तार किया गया। दोनों नेताओं की रिहाई के लिए सैकड़ों समर्थक कोतवाली, अस्पताल, कचहरी और पुलिस लाइन में इकट्ठा हुए। कोर्ट में पेश करने के बाद पुलिस ने उन्हें मऊ जेल भेजा। समर्थकों की भारी भीड़ देखकर पुलिस को गुपचुप तरीके से पूर्व मार्ग से जेल तक ले जाना पड़ा। एएसपी और सीओ सिटी श्यामकांत कोतवाली में मुस्तैद रहे।
एसई लाल सिंह से मारपीट के दौरान कार्यालय में मौजूद बघेजी निवासी उपेंद्र पांडेय से कोतवाली और फेफना पुलिस रात करीब 11 बजे उनके आवास पर पूछताछ के लिए पहुंची। पूछताछ के बाद उन्हें सोने के लिए भेजा गया। आरोप है कि उसी समय उपेंद्र ने पुलिस के दरवाजे पर आने का विरोध किया और दुर्व्यवहार करते हुए नारेबाजी की। इसका वीडियो उनके परिजनों ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।