वृंदावन के विश्वप्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें पुलिसकर्मी अस्त्र-शस्त्र के साथ मंदिर के अंदर जाते नजर आ रहे हैं। वीडियो में बांके बिहारी महाराज के गर्भगृह के पास एक पुलिसकर्मी हथियार थामे खड़ा दिखाई देता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस मंदिर में ठाकुरजी की सेवा बालरूप में होती है और जहां घंटे-घड़ियाल तक नहीं बजते, वहां हथियार लेकर प्रवेश करना पूरी तरह अनुचित है। वायरल वीडियो को मंदिर में ‘देहरी पूजन’ के समय का बताया जा रहा है।
क्यों नहीं बजते घंटे-घड़ियाल?
ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में भगवान की सेवा बालरूप में की जाती है। मान्यता है कि बालक तेज आवाज से भयभीत हो जाते हैं, इसलिए यहां घंटे-घड़ियाल नहीं लगाए गए हैं। इसी परंपरा के चलते मंदिर परिसर में ऊंची आवाज और अस्त्र-शस्त्र ले जाने की मनाही है।
बृजवासियों में नाराजगी
वीडियो सामने आने के बाद बृजवासियों में रोष फैल गया है। लोगों का कहना है कि मंदिर में अस्त्र-शस्त्र लाने की अनुमति आखिर किसने दी, जबकि परंपरा के अनुसार इसकी अनुमति नहीं है।
सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। बताया जा रहा है कि कुछ वीआईपी लोगों के आने के दौरान यह घटना हुई, जब वे मंदिर परिसर में जगमोहन में विराजमान होकर देहरी पूजन कर रहे थे। श्रद्धालुओं का कहना है कि यह परंपरा के बिल्कुल खिलाफ है।
अब सवाल उठ रहा है कि मंदिर में हथियार लेकर प्रवेश की अनुमति किस आधार पर दी गई और वायरल वीडियो के बाद प्रशासन इस पर क्या कदम उठाएगा।