धर्मशाला। तिब्बती आध्यात्मिक गुरु, 14वें दलाई लामा तेंजिन ग्यात्सो ने अपने उत्तराधिकारी को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए स्पष्ट किया है कि वह अभी अपने जीवन को मानव सेवा के लिए समर्पित रखना चाहते हैं और उन्हें विश्वास है कि वे आगामी 30 से 40 वर्षों तक जीवित रहेंगे।
शनिवार को मैक्लोडगंज स्थित मुख्य बौद्ध मंदिर ‘त्सुगलाखांग’ में आयोजित दीर्घायु प्रार्थना सभा में उन्होंने कहा कि उन्हें निरंतर यह संकेत मिल रहे हैं कि करुणा के देवता अवलोकितेश्वर का आशीर्वाद उन पर बना हुआ है।
उन्होंने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा, “विभिन्न भविष्यवाणियों और अनुभवों से मुझे लगता है कि अवलोकितेश्वर की कृपा मुझ पर है। मैंने हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास किया है और अभी भी जीवन को लोगों की सेवा में समर्पित रखने की इच्छा रखता हूं। आपकी प्रार्थनाएं अब तक कारगर रही हैं और मैं चाहता हूं कि आगे भी ऐसा ही बना रहे।”
उन्होंने यह भी कहा, “हालांकि हम अपना देश खो चुके हैं और भारत में निर्वासन का जीवन जी रहे हैं, फिर भी मुझे यह संतोष है कि मैं यहां धर्मशाला में लोगों के लिए कुछ सकारात्मक कर पा रहा हूं।”
90वें जन्मदिवस पर विशेष आयोजन
तिब्बती धर्मगुरु के 90वें जन्मदिवस के अवसर पर धर्मशाला में दो दिवसीय विशेष समारोह की शुरुआत हो गई है। शनिवार को सुबह बौद्ध मठ में दलाई लामा की लंबी उम्र और उत्तम स्वास्थ्य के लिए विशेष प्रार्थना की गई, जिसमें वे स्वयं उपस्थित रहे।
रविवार को उनके जन्मदिवस के उपलक्ष्य में केक काटा जाएगा और वे श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देंगे। इस आयोजन में भाग लेने के लिए अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी धर्मशाला पहुंचे हैं। हालांकि सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग का दौरा अंतिम क्षणों में रद्द हो गया है।
मैक्लोडगंज स्थित मंदिर परिसर को भव्य रूप से सजाया गया है। आयोजन को लेकर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। बताया जा रहा है कि करीब 48 देशों से हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु धर्मशाला पहुंच चुके हैं, जो बौद्ध धर्म और दलाई लामा के प्रति आस्था रखते हैं।