किसान के दुश्मनों को सजा दिलवाइये !

उत्तर प्रदेश में उर्वरकों, कीटनाशकों की कालाबाजारी, नकली खाद की पकड़-धकड़, स्टॉक रजिस्टर रखने और किसान को बिक्री की पक्की पर्ची देने का आदेश आने से बेचैन उर्वरक तथा कीटनाशक बेचने वाले दुकानदारों ने दुकानें बंद कर हड़ताल कर दी। यह ठीक ऐसा ही है जैसे नकली मावा (खोवा) बेचने वाले या नकली औषधि बेचने वाले स्वास्थ्य विभाग की सैंपल भरने वाली टीम को देख कर शटर बन्द करके भाग जाते हैं।

नकली उर्वरकों का निर्माण व बिक्री चौतरफा तबाही ला रहा है। कृषि मंत्री शाही खुद छापामारी कर नकली उर्वरक व कीटनाशक पकड़ रहे हैं। यह बीमारी सिर्फ उत्तरप्रदेश में ही नहीं, पूरे भारत में फैली है। राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने बीकानेर जिले में 11 हजार क्विंटल नकली उर्वरक, 1136 लिटर नकली कीटनाशक, 61 क्विंटल नकली बीज पकड़े हैं। हापुड़ जिले के दोयमी गांव में इफको, कृभको ब्रांड के नकली खाद के एक लाख बोरे बरामद किये हैं। हापुड़ से सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बिजनौर, अमरोहा, रामपुर, जनपदों को नकली उर्वरक सप्लाई होता है।

इससे प्रकट होता है कि किसान व खेती को नष्ट करने का कितना बड़ा रैकेट देश में चल रहा है। उल्लेखनीय है कि हापुड़ में नकली खाद के खाली बोरे ही पकड़ में आये हैं। नकली कच्चा माल, फैक्ट्री व मास्टरमाइंड पकड़ से दूर हैं।

जिस प्रकार ड्रग माफिया देश को खोखला करने में जुटे हैं, ऐसे ही उर्वरक माफिया देशद्रोह कर रहे हैं। एक ओर किसान को क्षति पहुंचाते हैं, दूसरी ओर माल को दाब कर बनावटी कमी दिखाकर कालाबाजारी करते हैं। अफसोस है कि इस आशय की खबरें तो आती हैं कि अमुक स्थान से इतनी मात्रा में नकली या मिलावटी उर्वरक पकड़ा गया लेकिन यह खबर आज तक नहीं पढ़ी कि उर्वरक अथवा मिलावटी कीटनाशक बनाने-बेचने वाले को क़ैद व जुर्माने की सजा हुई। बस कभी छापा लगता है, पकड़े जाते हैं, जमानत होती है, फिर छुट जाते हैं।

मोदी-योगी के राज में अब यह गोरखधंधा बंद होना चाहिए। यह समय का तकाज़ा है।

गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’

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