नोएडा। जेवर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट सितंबर 2025 से घरेलू उड़ानों और कार्गो सेवाओं के साथ शुरू होगा, जबकि नवंबर 2025 से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी शुरू हो जाएंगी। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' ने दी। उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण निर्माण कार्य में देरी हुई, लेकिन अब कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है।
इससे पहले एयरपोर्ट की शुरुआत के लिए सितंबर 2024, फिर अप्रैल 2025 और उसके बाद जून 2025 की तारीखें तय की गई थीं। अब सरकार ने इसे अंतिम रूप से सितंबर और नवंबर 2025 में शुरू करने का ऐलान किया है।
एयरपोर्ट के पहले चरण में हर साल 1.2 करोड़ यात्रियों को सेवा देने की क्षमता होगी। सभी चार चरण पूरे होने के बाद, 2040 तक यह संख्या 7 करोड़ तक पहुंच जाएगी। पूरी परियोजना की अनुमानित लागत 29,650 करोड़ रुपये है।
मंत्री ने कहा कि यह एयरपोर्ट न केवल उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठा बढ़ाएगा, बल्कि पूरे क्षेत्र के व्यापार, पर्यटन और निवेश को भी गति देगा। यह एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्टों में शामिल होगा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा हवाई अड्डा बनने की ओर अग्रसर है।
मंत्री नंदी ने बताया कि इस एयरपोर्ट से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं के तहत लगभग 45,148 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर काम चल रहा है, जिससे 1.32 लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
इसके साथ ही जेवर और आसपास के क्षेत्रों में फिल्म सिटी, फिनटेक सिटी, टॉय पार्क, फर्नीचर पार्क, अपैरल पार्क और एमएसएमई क्लस्टर जैसे प्रोजेक्ट्स पर भी तेजी से काम चल रहा है। इन परियोजनाओं से नोएडा और ग्रेटर नोएडा को वैश्विक औद्योगिक और आर्थिक केंद्र के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी।
मंत्री ने कहा कि यह एयरपोर्ट केवल एक इमारत नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के विकास का प्रतीक है, जो आने वाले समय में राज्य की आर्थिक पहचान को एक नई दिशा देगा।
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