नई दिल्ली। सितंबर और अक्तूबर का महीना एक बार फिर दिल्ली-एनसीआर के लिए चिंता का सबब बन गया है। मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों—डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया—के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अस्पतालों में रोजाना बुखार और शरीर दर्द की शिकायत लेकर पहुंचने वाले मरीजों की तादाद तेजी से बढ़ रही है। इनमें से लगभग 40% डेंगू से ग्रसित पाए जा रहे हैं।
राजनीति में भी गर्माया मुद्दा
मच्छरों के बढ़ते प्रकोप ने अब राजनीति का रूप ले लिया है। शुक्रवार को एमसीडी सदन में विपक्षी पार्षद मच्छरदानी पहनकर पहुंचे और “दिल्ली बचाओ, मच्छर हटाओ” के नारे लगाए। नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने आरोप लगाया कि एमसीडी दफ्तर तक मच्छरों से अछूता नहीं है और सरकार को तत्काल कदम उठाने चाहिए।
रिकॉर्ड तोड़ रहे मलेरिया और चिकनगुनिया
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल दिल्ली में अब तक मलेरिया के 333 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे ज्यादा हैं। चिकनगुनिया के केस भी बढ़े हैं, जबकि डेंगू लगातार तेजी से फैल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि बारिश के बाद जमा पानी में मच्छर पनप रहे हैं और मौजूदा मौसम उनके लिए सबसे अनुकूल है।
नोएडा में भी तेजी से बढ़ रहे मामले
दिल्ली से सटे नोएडा में भी हालात बिगड़ रहे हैं। शुक्रवार को यहां 11 नए डेंगू मरीज सामने आए, जिससे कुल संख्या 358 पर पहुंच गई। प्रभावित इलाकों में एंटी-लार्वा दवा का छिड़काव कराया जा रहा है, लेकिन मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।
डेंगू के लक्षण और बचाव
डेंगू की शुरुआती पहचान बेहद जरूरी है। तेज बुखार, सिर और आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों में अकड़न, भूख न लगना और उल्टी जैसे लक्षण सामने आते हैं। कई मामलों में शरीर पर लाल चकत्ते और प्लेटलेट्स कम होने के कारण नाक या मसूड़ों से खून भी निकल सकता है।
डॉक्टर सलाह देते हैं कि डेंगू की आशंका होने पर तुरंत जांच कराएं और पर्याप्त आराम करें। खूब पानी और तरल पदार्थ पिएं। बुखार की स्थिति में केवल पैरासिटामोल लें, जबकि एस्पिरिन और इबूप्रोफेन से बचना चाहिए। अगर पेट दर्द, लगातार उल्टी या खून आने जैसे लक्षण हों, तो तुरंत अस्पताल पहुंचना जरूरी है।