अरावली पहाड़ियों की परिभाषा में हाल में किए गए बदलाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता जताते हुए स्वतः संज्ञान लिया है। आशंका जताई जा रही है कि इस बदलाव से खनन गतिविधियों पर नियंत्रण कमजोर पड़ सकता है और इससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचने की संभावना है।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली अवकाशकालीन पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति जे.के. महेश्वरी और न्यायमूर्ति ए.जी. मसीह भी शामिल हैं, इस मामले पर सोमवार 29 दिसंबर को सुनवाई करेगी।

न्यायालय यह परखने पर ध्यान देगा कि परिभाषा में किए गए संशोधन से पर्यावरण संरक्षण के मौजूदा प्रावधानों पर क्या प्रभाव पड़ेगा और क्या इससे अरावली क्षेत्र में अनियंत्रित खनन का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।