नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अनिल अंबानी और उनकी रिलायंस समूह की कंपनियों से जुड़ी परिसंपत्तियों पर एक नई कार्रवाई करते हुए लगभग 1,400 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां अस्थायी रूप से अटैच की हैं। इस कदम के बाद जब्त संपत्तियों का कुल मूल्य करीब 9,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। एजेंसी ने यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निरोध अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की है। अटैच की गई संपत्तियां नवी मुंबई, चेन्नई, पुणे और भुवनेश्वर में स्थित बताई जा रही हैं।

पिछली कार्रवाई

इससे पहले ईडी ने इसी मामले में 7,500 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की थीं। महीने की शुरुआत में एजेंसी ने रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम), रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड से जुड़ी 132 एकड़ से अधिक जमीन, जिसकी कीमत 4,462.81 करोड़ रुपये थी, को नवी मुंबई स्थित धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी (डीकेसी) में कुर्क किया था।

आरोप और जांच

ईडी का दावा है कि आरकॉम और उसकी समूह कंपनियों ने 2010 से 2012 के बीच घरेलू और विदेशी ऋण के तौर पर कुल 40,185 करोड़ रुपये की राशि ली थी, जिसे पांच बैंकों ने धोखाधड़ी वाला घोषित किया। जांच में यह सामने आया कि ऋण का इस्तेमाल समूह की अन्य कंपनियों के बकाया चुकाने, संबंधित पक्षों को हस्तांतरित करने और म्यूचुअल फंडों में निवेश के लिए किया गया।

एजेंसी ने बताया कि 13,600 करोड़ रुपये ऋणों को बनाए रखने के लिए डायवर्ट किए गए, 12,600 करोड़ रुपये संबंधित पक्षों को दिए गए और लगभग 1,800 करोड़ रुपये सावधि जमा एवं म्यूचुअल फंडों में निवेश कर समूह कंपनियों को स्थानांतरित किया गया। इसके अलावा, विदेशी धन प्रेषण और बिल डिस्काउंटिंग तंत्र के दुरुपयोग के जरिए भी धन की कथित हेराफेरी हुई।

ईडी ने साफ किया कि वित्तीय अपराधों के मामलों की जांच जारी है और अपराध से प्राप्त धन की वसूली और उसे सही दावेदारों को वापस करने के लिए कार्रवाई लगातार की जाएगी।